Vat Purnima Vrat 2020: आज गर्भवती महिलाएं 27 मिनट बैठे चांदनी में
नई दिल्ली। माह में आने वाली तिथियों में पूर्णिमा का महत्व किसी से छुपा नहीं है। शुक्ल पक्ष के इस अंतिम दिन को शास्त्रों में सर्व सिद्धिदायक दिन कहा गया है। पूर्णिमा वह खास दिन होता है जब चांद अपनी पूर्ण कला से युक्त रहता है और इससे निकलने वाली चांदनी किसी चमत्कारिक औषधि से कम नहीं। 5 जून को आ रही ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन सर्वार्थसिद्धि योग और वट सावित्री व्रत भी है, इसलिए इस दिन का महत्व और भी ज्यादा हो गया है। यह पूर्णिमा गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे उत्तम मानी गई है। इस पूर्णिमा के दिन जो गर्भवती महिलाएं 27 मिनट चांद की चांदनी में रहती हैं उनके गर्भ में पल रहा शिशु शारीरिक और मानसिक रूप से अत्यंत मजबूत और शक्तिशाली होता है। ऐसा बालक बचपन से अपनी बुद्धी से सभी को चकित करता है और बड़ा होकर विद्वान बनता है।
पूर्णिमा का दिन खास होता है
पूर्णिमा तिथि मां लक्ष्मी को भी अत्यंत प्रिय है। धन-दौलत की चाह रखने वाले लोग पूर्णिमा के दिन लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए अनेक प्रकार के टोटके करते हैं। इस दिन भाग्य को चमकाने वाले टोटके या प्रयोग भी किए जाते हैं। जिन लोगों की मानसिक क्षमता कमजोर है, उनके लिए भी पूर्णिमा का दिन खास होता है।
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लक्ष्मी प्राप्ति के प्रयोग
- जिन लोगों के पास पैसा टिकता नहीं है। जितना आता है उससे ज्यादा खर्च हो जाता है और उल्टे कर्ज लेने की नौबत आ जाती है, वे पूर्णिमा के दिन यह प्रयोग करें। पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत होकर एक लोटा शुद्ध ताजा जल लेकर पीपल के वृक्ष के समीप जाएं। इसमें कुछ मीठा जैसे शकर, मिश्री, बताशा डाल लें। इस जल की एक पतली धार पीपल के वृक्ष की जड़ में डालते हुए सात परिक्रमा करें और मन ही मन भगवान लक्ष्मीनारायण के नाम मंत्र का जाप करते रहें। कहा जाता है पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष पर मां लक्ष्मी का वास होता है, इसलिए यदि आप यह प्रयोग करेंगे तो निश्चित रूप से लक्ष्मी आप पर प्रसन्न् होंगी।
- 11 कौड़ियों को दूध और फिर गंगाजल से धोकर इन पर केसर से श्रीं लिखें। इसके बाद इन्हें पूजा स्थान में रखकर 21 बार श्रीसूक्त का पाठ करें। शीघ्र ही आपकी धन संबंधी समस्या दूर हो जाएगी। आप आजीविका के लिए जो भी काम करते हैं उसमें तरक्की होगी।
मानसिक मजबूती के लिए
चंद्रमा मन और मानसिक आवेगों का प्रतिनिधि ग्रह है। यदि चंद्र आपकी जन्मकुंडली में दूषित है तो आप मानसिक और भावनात्मक रूप से बहुत कमजोर रहेंगे। ऐसी स्थिति में चंद्र को मजबूत बनाना चाहिए। पूर्णिमा के दिन दूध और चावल की खीर बनाकर उसे चांदी के बर्तन में भरकर चांद की चांदनी में 27 मिनट के लिए रखें। इस खीर का सेवन करें। इसके साथ ही पूर्णिमा के दिन किसी गरीब कन्या को दूध का दान दें। इससे आपका चंद्र मजबूत होगा।
सुखद दांपत्य के लिए
यदि आपके दांपत्य जीवन में परेशानी, खटपट बनी हुई है। आपकी आपस में बनती नहीं है तो पूर्णिमा के दिन यह प्रयोग करें। पूर्णिमा की रात में जब चंद्रोदय हो, तब एक गिलास में कच्चा दूध भरकर चंद्र को अर्घ्य दें और सुखद दांपत्य का आशीर्वाद लें। यह प्रयोग लगातार 5 पूर्णिमा पर करेंगे तो आप जीवनभर सुखद दांपत्य का भोग करेंगे।
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