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अखंड लक्ष्मी प्रदान करता है 'वरलक्ष्मी-व्रत'

By पं.गजेंद्र शर्मा
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नई दिल्ली। धन, वैभव, संपन्नता, समृद्धि, सुख, संपत्ति और अखंड लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए शास्त्रों में एक दुर्लभ व्रत का उल्लेख मिलता है। यह व्रत है वरलक्ष्मी व्रत। जैसा कि नाम से व्यक्त होता है वर का अर्थ है वरदान और लक्ष्मी का अर्थ है धन-वैभव। वरलक्ष्मी व्रत को करने वाले के परिवार को समस्त सुख और संपन्नता की प्राप्ति सहज ही हो जाती है।

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वरलक्ष्मी व्रत श्रावण पूर्णिमा

वरलक्ष्मी व्रत श्रावण पूर्णिमा

वरलक्ष्मी व्रत श्रावण पूर्णिमा यानी रक्षा बंधन ने ठीक पहले आने वाले शुक्रवार को किया जाता है। इस साल यह व्रत 4 अगस्त को आ रहा है। यह व्रत आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर किया जाता है। यह व्रत केवल विवाहित महिलाएं ही कर सकती हैं। कुंवारी कन्याओं के लिए यह व्रत करना वर्जित है। परिवार के सुख और संपन्नता के लिए विवाहित पुरुष भी यह व्रत कर सकते हैं।

प्रीति, कीर्ति, शांति, संतुष्टि और पुष्टि

प्रीति, कीर्ति, शांति, संतुष्टि और पुष्टि

यदि पति-पत्नी दोनों साथ में यह व्रत रखें तो सोने पर सुहागा हो जाता है। व्रत के प्रभाव से जीवन के समस्त अभाव दूर हो जाते हैं। आर्थिक संकट दूर हो जाते हैं और व्रती के जीवन में धन का आगमन आसान हो जाता है। वरलक्ष्मी व्रत से आठ प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं। ये हैं श्री, भू, सरस्वती, प्रीति, कीर्ति, शांति, संतुष्टि और पुष्टि। अर्थात वरलक्ष्मी व्रत करने से व्यक्ति के जीवन वन में धन, संपत्ति, ज्ञान, प्रेम, प्रतिष्ठा, शांति, संपन्नता और आरोग्यता आती है।

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कैसे करें पूजा?

कैसे करें पूजा?

माना जाता है वरलक्ष्मी की उत्पत्ति क्षीरसागर से हुई है। गौर वर्ण की यह देवी दूध के समान श्वेत वस्त्र धारण किए रहती हैं। मान्यता है कि वरलक्ष्मी व्रत करने से अष्टलक्ष्मी की पूजा के समान फल मिलता है। वरलक्ष्मी व्रत करने वाली महिलाएं और पुरुष इस दिन व्रत रखें।

कलश सजाकर...

कलश सजाकर...

लक्ष्मी की पूजा ठीक उसी प्रकार की जाती है, जैसे दीपावली पर लक्ष्मी पूजा संपन्न की जाती है। वरलक्ष्मी को विभिन्न प्रकार के सुगंधित पुष्प, मिठाई अर्पित किए जाते हैं। एक कलश सजाकर उस पर श्वेत रंग की रेशमी साड़ी डेकोरेट की जाती है।

पूजन मुहूर्त

पूजन मुहूर्त

  • वरलक्ष्मी व्रत की पूजा स्थिर लग्न में करना शुभ माना गया है। ये हैं 4 अगस्त 2017 के प्रमुख मुहूर्त
  • सिंह लग्न: प्रातः 7.13 से 9.21 तक
  • वृश्चिक लग्न: दोपहर 1.39 से 3.53 तक
  • कुंभ लग्न: सायं 7.49 से 9.25 तक
  • वृषभ लग्न: मध्यरात्रि 12.43 से 2.43 तक

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English summary
Varalakshmi Vratham is an auspicious festival in India celebrated by the married hindu women.It is an auspicious day to perform puja/homa to become rich and prosper in life.This year, Varalakshmi vratham falls on 04th of August,2017.
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