सत्यनारायण व्रत 13 सितंबर और भाद्र पूर्णिमा व्रत 14 सितंबर को
नई दिल्ली। भाद्रपद माह की पूर्णिमा को सभी पूर्णिमा में सर्वाधिक महत्व दिया गया है क्योंकि इस दिन भगवान श्री सत्यनारायण का व्रत किया जाता है और यह महालया के प्रारंभ का दिन भी होता है। इस पूर्णिमा पर सत्यनारायण व्रत करने से उन सभी ग्रहों की बाधाएं दूर होती हैं जिनके कारण व्यक्ति को जीवन में आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यह एकमात्र ऐसा व्रत है जिसे कोई भी व्यक्ति बिना किसी पूर्व तैयारी के कर सकता है।
भाद्र पूर्णिमा व्रत
माना जाता है कि भाद्रपद माह की पूर्णिमा के दिन से वर्षा ऋतु का समापन हो जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान धर्म का अनंत गुना फल प्राप्त होता है। इस दिन हिंदू स्त्रियां व्रत रखती हैं जिसे भाद्र पूर्णिमा व्रत कहा जाता है। इस वर्ष पंचांग भेद के कारण सत्यनारायण व्रत 13 सितंबर को तथा पूर्णिमा व्रत 14 सितंबर को किया जाएगा।
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कैसे करें सत्यनारायण व्रत
भाद्रपद पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण व्रत करने वाले स्त्री-पुरुष ब्रह्ममुहूर्त में उठकर या तो पवित्र नदियों में स्नान करें या घर में ही नहाने के पानी में गंगा, नर्मदा आदि पवित्र नदियों का जल डालकर स्नान करें। इसके बाद साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूजा स्थल पर साफ कपड़े से पोछा लगाकर उसे शुद्ध कर लें। इसके बाद अपने चारों ओर गंगाजल छिड़कें। पूजा स्थल पर सामने एक लकड़ी की चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाकर उस पर भगवान सत्यनारायण की प्रतिमा या तस्वीर रखें। पूजा में पंचामृत का विशेष महत्व होता है।
विशेष कामना की पूर्ति के लिए संकल्प लें
दूध, दही, घी, शहद और शकर मिलाकर पंचामृत तैयार करें। प्रसाद में चूरमा जरूर रखें और फलों में केले चढ़ाएं। पूजन से पूर्व अपनी विशेष कामना की पूर्ति के लिए संकल्प लें। विधि-विधान से भगवान सत्यनारायण की पूजा करके सत्यनारायण व्रत की कथा सुनें। कथा के बाद आरती करें और प्रसाद वितरण करें। दिनभर अन्न ग्रहण न करें। अपनी आवश्यकतानुसार फलों का सेवन करें। सूर्यास्त के बाद कुछ भी ग्रहण न करें, जल भी नहीं। रात्रि में चंद्रमा के दर्शन करें, चंद्रमा पूजन करें। दूसरे दिन व्रत का पारणा करें। इसमें किसी ब्राह्मण दंपती को भोजन करवाएं या भोजन बनाने की समस्त सामग्री भेंट करें। दक्षिणा भी दें। इसके पश्चात स्वयं भोजन ग्रहण करके व्रत खोलें।
सत्यनारायण व्रत के लाभ
- भाद्रपद पूर्णिमा पर सत्यनारायण व्रत करने के अनेक लाभ शास्त्रों में बताए गए हैं।
- इस दिन विष्णु के स्वरूप भगवान सत्यनारायण की पूजा करने से जीवन के समस्त कष्टों और संकटों से मुक्ति मिलती है।
- जीवन की समस्त आर्थिक परेशानियों का समाधान हो जाता है।
- जिस विशेष कामना की पूर्ति के लिए यह व्रत किया जाता है वह जल्द पूरी होती है।
- अविवाहित कन्याओं और युवकों का विवाह शीघ्र हो जाता है।
- खोया मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा वापस मिल जाती है।
- व्यापार में वृद्धि के लिए भगवान सत्यनारायण की पूजा अवश्य करना चाहिए।
- सुहागिन स्त्रियों को अपने पति की आज्ञा से यह व्रत करना चाहिए इससे वे अखंड सौभाग्यवती बनती हैं।
- पुरुषों को अपने परिवार की स्वस्थता और संपन्न्ता के लिए यह व्रत करना चाहिए।
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