Sharad Purnima 2020: शरद पूर्णिमा आज, श्रद्धालुओं ने लगाई संगम में डुबकी
नई दिल्ली। आज शरद पूर्णिमा है, आज के पावन पर्व पर 16 कलाओं से परिपूर्ण चांद आकाश में नजर आएगा, इसलिए शुक्रवार को संगमनगरी प्रयागराज पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा हुआ है, भक्तगण ने सुबह-सुबह आज गंगा में डुबकी लगाई है, शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा या रास पूर्णिमा भी कहते हैं, कहा जाता है कि इस दिन रात में आकाश से अमृत की वर्षा होती है और इसी वजह से बहुत जगह लोग रात में खीर बनाकर अपने घर के आंगन में रखते हैं, ताकि रात भर खीर में अमृत बरसे और वो सुबह उठकर उसको ग्रहण करें, बता दें कि शरद पूर्णिमा को ही चंद्रमा पृथ्वी के सबसे निकट होता है।
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कैसे करें पूजा
- शरद पूर्णिमा के दिन प्रात: स्नानादि से निवृत्त होकर अपने घर के पूजा स्थान को शुद्ध-स्वच्छ करके सफेद आसन पर पूर्वाभिमुख होकर बैठ जाएं।
- चारों ओर गंगाजल की बूंदें छिड़कें।
- सामने एक चौकी पर चावल की ढेरी लगाकर उस पर तांबे या मिट्टी के कलश रखें।
- इसके बाद उसी चौकी पर मां लक्ष्मी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करके उनकी पूजा करें।
- लक्ष्मी मां को सुंदर वस्त्राभूषण से सुशोभित करें।
- गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, तांबूल, सुपारी, दक्षिणा आदि से पूजा करें।
- शरद पूर्णिमा व्रत की कथा सुनें।
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- सायंकाल में चंद्रोदय के समय घी के 11 दीपक लगाएं।
- प्रसाद के लिए मेवे डालकर खीर बनाएं।
- इसे ऐसी जगह रखें जहां इस पर चंद्रमा की चांदनी आती हो।
- तीन घंटे बाद मां लक्ष्मी को इस खीर का नैवेद्य लगाए।
- फिर उस खीर को प्रसाद स्वरूप वितरित करके सेवन करें, मां लक्ष्मी की कृपा अवश्य प्राप्त होगी
पूर्णिमा तिथि कब से कब तक
- पूर्णिमा तिथि प्रारंभ 30 अक्टूबर को सायं 5.44 बजे से
- पूर्णिमा तिथि समाप्त 31 अक्टूबर को रात्रि 8.18 बजे तक
आज के दिन सबसे अधिक दान-पुण्य के कार्य किये जाते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से आपके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
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