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शनि जयंती आज, इस बार सर्वार्थसिद्धि योग का विशेष संयोग

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। न्याय के अधिपति देवता शनि महाराज का जन्मोत्सव शनि जयंती ज्येष्ठ अमावस्या पर 15 मई मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग है। साथ ही वटसावित्री अमावस्या और भौमवती अमावस्या का संयोग भी है। इतने सारे योग में मनने वाला शनि जन्मोत्सव इस बार उन लोगों के लिए खास होगा जो शनि की साढ़ेसाती, शनि के ढैया या जन्मकुंडली में शनि की महादशा, अंतर्दशा या शनि की खराब स्थिति के कारण पीड़ित चल रहे हैं। वे लोग इस खास योग में आ रही शनि जयंती पर शनि को प्रसन्न करने के उपाय अवश्य करें, उनकी समस्त पीड़ा शांत होगी।

प्रथम शुद्ध ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष में आ रही अमावस्या

प्रथम शुद्ध ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष में आ रही अमावस्या

अमावस्या मंगलवार के दिन भरणी नक्षत्र, शोभन योग, चतुष्पद करण तथा मेष राशि के चंद्रमा की उपस्थिति में आ रही है। इस साल ज्येष्ठ मास अधिकमास भी है। इसलिए प्रथम शुद्ध ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष में आ रही अमावस्या का खास महत्व है। इस दिन सुबह 10.57 बजे से सर्वार्थसिद्धि योग की शुरुआत होगी। इसका प्रभाव दिवस पर्यंत रहेगा। इस दिव्य योग की साक्षी में शनिदेव की आराधना जातक को विशिष्ट शुभफल प्रदान करेगी।

शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए ये जरूर करें

शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए ये जरूर करें

शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए 15 मई को शनि के वैदिक तथा बीज मंत्र ऊं खां खीं खूं सः मंदाय स्वाहाः के 21 माला जाप करें। शनिस्तवराज, महाकाल शनिमृत्युंजय स्तोत्र का पाठ तथा मंदिर में शनिदेव का तेलाभिषेक पूजन करने से शुभफल की प्राप्ति होती है। जिन जातकों को निरंतर शारीरिक पीड़ा रहती है, वे शनि जयंती पर शनिवज्रपिंजर कवच के 11 पाठ करें और उसके बाद हर दिन एक पाठ नियमित करते जाएं। इससे समस्त प्रकार के शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।

 शनि के निमित्त इन वस्तुओं का दान करें

शनि के निमित्त इन वस्तुओं का दान करें

शनि की शांति के लिए शनि जयंती के दिन काला उड़द, काला तिल, स्टील-लोहे के बर्तन, श्रीफल, काले वस्त्र, लकड़ी की वस्तुएं, औषधि आदि का दान करना चाहिए। भिक्षुकों को भोजन कराने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। जो गरीब लोग अपनी दवाई का खर्चा उठाने में असमर्थ हों उनके इलाज का इंतजाम करवाएं और उन्हें दवाई भेंट करें, इससे शनिदेव जल्द प्रसन्न होते हैं। कैसी भी कड़ी साढ़ेसाती हो इस उपाय से उसकी पीड़ा भी दूर हो जाती है।

शनि जयंती पर त्रिग्रही योग

शनि जयंती पर त्रिग्रही योग

ग्रह गोचर की गणना के अनुसार अमावस्या पर इस बार सूर्य, चंद्र तथा बुध का मेष राशि में त्रिग्रही युति योग रहेगा। मेष राशि का स्वामी मंगल है और मंगलवार को ही अमावस्या रहेगी। इस दृष्टि से मेष राशि वालों के लिए यह दिन और भी खास हो जाता है। इस दिन शनिदेव के साथ हनुमानजी की आराधना श्रेष्ठ फल प्रदान करेगी। जो लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं उन्हें इस दिन हनुमान जी को बेसन के लड्डू या हलवे का भोग अवश्य लगाना चाहिए इससे आर्थिक सम्पन्नता आती है। हालांकि तीन ग्रहों के संयोग से प्राकृतिक आपदाएं आंधी, तूफान, बारिश, विमान दुर्घटना का दुर्योग भी बन सकता है। इस दौरान देश के पश्चिमी राज्यों में भीषण गर्मी से जनहानि के संकेत हैं। बड़े राजनीतिक फेरबदल होंगे।

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English summary
Shani Jayanti 2018 is on May 15 Tuesday, Shani Jayanti or Shani Amavasya is the day when Lord Shani, son of Suryadev took birth.
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