Sawan or Shravan 2019: शिव को सावन इतना क्यों प्रिय है?
लखनऊ। सावन का महीना पवन के जोर, जियरर झूमे ऐसे जैसे बन में नाचे मोर। ऐ एक फिल्मी गीत की लाइन है, किन्तु इसमें जो भाव छिपे हैं, उन्हें समझिये। सावन के महीने में इन्सान हो या पक्षी सभी झूमकर नाचते हुये प्राकृतिक आनन्द का रसपान करते है तो भला शिव को सावन क्यों न पसन्द हो।
आईये जानते है आखिर क्यों सावन मास शिव को इतना प्रिय है....
श्रावण मास में सबसे अधिक वर्षा होने के आसार रहते हैं
महादेव को श्रावण मास वर्ष का सबसे प्रिय महीना लगता है। क्योंकि श्रावण मास में सबसे अधिक वर्षा होने के आसार रहते है, जो शिव के गर्म शरीर को ठंडक प्रदान करती एंव हमारी कृषि के लिए भी अत्यन्त लाभकारी है। भगवान शंकर ने स्वयं सनतकुमारों को सावन महीने की महिमा बताई है कि मेरे तीनों नेत्रों में सूर्य दाहिने, बाॅये चन्द्र और अग्नि मध्य नेत्र है। हिन्दू कैलेण्डर में महीनों के नाम नक्षत्रों के आधार पर रखें गयें है। जैसे वर्ष का पहला माह चैत्र होता है, जो चित्रा नक्षत्र के आधार पर पड़ा है, उसी प्रकार श्रावण महीना श्रवण नक्षत्र के आधार पर रखा गया है।
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श्रवण नक्षत्र का स्वामी चन्द्र
श्रवण नक्षत्र का स्वामी चन्द्र होता है। चन्द्र भगवान भोले नाथ के मस्तक पर विराज मान है। जब सूर्य कर्क राशि में गोचर करता है, तब सावन महीना प्रारम्भ होता है। सूर्य गर्म है एंव चन्द्र ठण्डक प्रदान करता है, इसलिए सूर्य के कर्क राशि में आने से झमाझम बारिस होती है। जिसके फलस्वरूप लोक कल्याण के लिए विष को ग्रहण करने वाले देवों के देव महादेव को ठण्डक व सुकून मिलता है। शायद यही कारण है कि शिव का सावन से इतना गहरा लगाव है।
शिव जी पर कौन सा पुष्प चढ़ाने से क्या लाभ होगा?
- बिल्वपत्र चढ़ाने से- पापों से मुक्ति मिलेगी।
- कमल का फूल चढ़ाने से- धन वृद्धि एंव शान्ति प्राप्त होगी।
- कुश के चढ़ाने से- मुक्ति एंव सौभाग्य में वृद्धि होगी।
- दूर्वा चढ़ाने से- आयु में वृद्धि तथा दुर्घटना से रक्षा।
- आक का फूल चढ़ाने से- पद, प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
- कनेर का फूल चढ़ाने से- शरीर निरोगी होगा और कष्टों में कमी आयेगी।
- शमी पत्र चढ़ाने से- पापों का नाश होगा एंव विरोधियों का दमन होगा।
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