Sawan 2018: सावन में क्यों पहनते हैं हरी चूड़ियां, क्यों लगाते हैं मेंहदी?
नई दिल्ली। शिव के प्रिय मास सावन के रंग में इस वक्त हर कोई रंगा नजर आ रहा है। चारों ओर हरियाली ही हरियाली दिख रही है, जहां मॉनसून की बरखा ने हर पेड़-पौधे और धरा को पूरी तरह से नहला दिया है वहीं महिलाओं और लड़कियों के हरे श्रृंगार ने भी हर किसी का मन मोह लिया है लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर सावन के महीने में महिलाएं हरी चूड़ियां या हरा वस्त्र क्यों पहनती हैं, अगर नहीं तो चलिए हम बताते हैं इस राज के बारे में...।
हरा रंग सौभाग्य से जुड़ा होता है
दरअसल हरा रंग प्रेम, प्रसन्न चित्त और खुशी का प्रतीक माना जाता है और इसी वजह से महिलाएं सावन के महीने में हरे रंग के श्रृंगार से भगवान और प्रकृति को धन्यवाद देती हैं और अपनी खुशी का इजहार करती हैं। हरा रंग सौभाग्य से जुड़ा होता है इसलिए इस माह बहुत से लोग हरे रंग का कपड़ा पहनना पसंद करते हैं।
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शिव का प्रिय मास है सावन
हरा रंग शिव का प्रिय है और उन्हें खुश करने के लिए हरी चूड़ियां या हरा वस्त्र पहना जाता है और हाथों में मेंहदी लगाई जाती है, जिससे महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान मिले।
बुद्ध ग्रह का रंग
बुद्ध ग्रह का रंग माना जाता है हरा रंग, इंसान की कामयाबी के लिए उसका करियर में सफल होना बहुत जरूरी है और इसके लिए बुद्ध ग्रह को खुश करने के लिए हरे रंग का श्रृंगार किया जाता है।
चूड़ियों का महत्व
चूड़ियां तो मन की चंचलता को दर्शाती हैं तो कंगना मातृत्व की ललक उत्पन्न करता हैं। इसलिए कंगन दुल्हनों का श्रृंगार है जब कि चूंड़ियां कुमारी कन्याएं भी पहनती हैं। हमारे साहित्यकारों ने भी इस श्रृंगार के बारे में इतना कुछ लिख दिया है जिसके बारे में बात करना बेहद कठिन हैं। वैसे भी जब तक दुल्हन के हाथ में चूड़ियां और कंगन खनकते नहीं हैं तब तक एहसास नहीं होता कि दुल्हन घर आ गयी हैं।
सावन का महीना प्रेम का महीना कहलाता है ...
बेहद ही खूबसूरत श्रृंगार में शामिल कंगना और चूड़ी केवल महिलाओं को ही नहीं रिझाते बल्कि पुरूषों का भी दिल चुराते हैं। सावन का महीना प्रेम का महीना कहलाता है और इसी कारण महिलाएं अपने सुंदर श्रृंगार से अपने पतियों को रिझाने का भी काम करती हैं।
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