Sawan 2019, First Monday: क्यों होती है सावन में शिव की भस्म से आरती?
नई दिल्ली। आज पवित्र सावन महीने का पहला सोमवार है, भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए इस समय श्रद्दालुओं की की भारी भीड़ मंदिरों के सामने एकत्र है। सावन का पहला सोमवार जातकों को सारी समस्याओं और बधाओं से मुक्ति दिलाने वाला है। सावन के पूजा का खास महत्व होता है, सावन हमेशा लोगों को खुशी, शांति और समृद्दि प्रदान करता है।
महाकालेश्वर मंदिर में होती है भस्म से आरती
वैसे सावन में भगवान शिव की विशेष तरह से पूजा होती है। लोग शिवलिंग को दूध और गंगाजल से नहलाते हैं तो कहीं-कहीं भस्म से आरती होती है।वैसे तो हर जगह मंदिरों के हिसाब पूजा होती है लेकिन उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में खास तरह की भस्म आरती होती है।
चलिए जानते हैं कि क्या है इस भस्म आरती का महत्व विस्तार से ....
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इंसान भस्म में मिल जाएगा
कहते हैं इंसान एक दिन इसी भस्म यानी राख में मिल जाएगा इसलिए इस भस्म से पूजा की जाती है ताकि हमेशा भस्म के जरिए इंसान भगवान शिव से जुड़ा रहे।
पेड़-पौधे-मिट्टी से प्यार
शिवजी हमेशा जंगलों और पहाड़ों में रहे हैं इसलिए उन्हें हमेशा पेड़-पौधे-मिट्टी से प्यार रहता है, ऐसा माना जाता है कि भस्म के जरिये इंसान उनके निकट पहुंचने की कोशिश करता है।
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राख का तिलक
राख हमेशा पवित्र मानी जाती है इसलिए लोग बर्तनों को राख से मांजते थे, इसलिए जब राख का तिलक किया जाता है तो इंसान का दिल-दिमाग हमेशा शुद्द हो जाता है।
शक्ति प्रदान करता है
भस्म इंसान के अंदर एक शक्ति प्रदान करता है, भस्म धारण करने वाले भगवान शिव संदेश देते हैं कि परिस्थितियों के अनुसार स्वयं को ढाल लेना चाहिए।
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