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Pitru Paksha 2017:सर्वपितृ अमावस्या पर करें ये टोटके, बन जाएंगे सारे काम

By पं. गजेंद्र शर्मा
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नई दिल्ली। 20 सितंबर को सर्वपितृ या पितृमोक्ष अमावस्या है। इस अमावस्या का महत्व सिर्फ इसलिए नहीं है कि यह श्राद्धपक्ष का अंतिम दिन है और इस दिन समस्त ज्ञात-अज्ञात पितरों का श्राद्ध किया जाता है, बल्कि यह दिन जीवन में सुख-समृद्धि लाने वाले टोटकों के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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इस दिन ब्रह्म मुहूर्त से लेकर रात्रि पर्यन्त तक कई टोटके किए जाते हैं ताकि जीवन में किसी प्रकार के रोग, शोक, दुख, कमी, हानि, अपयश का सामना न करना पड़े।

आइये आज हम जानते हैं सर्वपितृ अमावस्या के दिन किन कार्यों के लिए क्या टोटके किए जा सकते हैं।

लाल किताब, रावण संहिता समेत अनेक तांत्रिक ग्रंथों में कुछ सरल टोटकों का जिक्र मिलता है, जो सिद्ध व्यक्तियों द्वारा आजमाए और इजाद किए हुए हैं। इनसे किसी को हानि नहीं होती क्योंकि ये कठित तंत्र वाले टोटके नहीं है। घरेलु चीजों का उपयोग करके इ्रन्हें किया जा सकता है।

रोग नाश के लिए

रोग नाश के लिए

किसी व्यक्ति के परिवार में यदि कोई लंबे समय से बीमार चल रहा हो। तमाम उपचार के बाद भी वह ठीक नहीं हो पा रहा हो तो सर्वपितृ अमावस्या के एक रात्रि पहले यानी चतुर्दशी के दिन रोगी मनुष्य के सिरहाने एक लाल पोटली में थोड़े से करीब 100 ग्राम गेहूं के दानों के साथ एक रुपए का सिक्का और एक कील बांधकर रख दें। प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में कोई भी परिवार का व्यक्ति जैसे माता-पिता, पत्नी, या संतान बिना मुंह धोए चुपचाप वह पोटली मरीज के सिरहाने से निकाल लें और उसे ले जाकर पीपल के वृक्ष की जड़ में गाड़ आए। इस दौरान पोटली ले जाने व्यक्ति को मौन रहना है। साथ ही घर से जाते समय और पीपल के पेड़ के समीप से आते समय पीछे मुड़कर नहीं देखना है। इस टोटके का असर तीन दिन में होने लगता है और रोगी ठीक हो जाता है।

शीघ्र विवाह के लिए

शीघ्र विवाह के लिए

जिन युवक-युवतियों का विवाह नहीं हो पा रहा है। वे चतुर्दशी की रात्रि में तीन खोपरे के सूखे गोले लेकर उनमें किसी वस्तु से छोटा सा छेद करके उसमें शकर भर दें। सर्वपितृ अमावस्या के लिए दिन प्रातः उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर किसी ऐसी जगह जाएं जहां चीटियों का घर हो। किसी पेड़ के समीप भी जाया जा सकता है। इसमें ध्यान रखना है कि वह जगह सुनसान हो। गांव या शहर से बाहर कोई ऐसी जगह जहां कोई आते-जाते आपके देखे नहीं। जिस युवक या युवती का विवाह नहीं हो पा रहा हो वही अपने हाथ से यह प्रयोग करे। तो उन तीनों खोपरे के गोले को जमीन में दबा के आ जाएं। विवाह की बाधा समाप्त होगी।?

धन प्राप्ति के लिए

धन प्राप्ति के लिए

सर्वपितृ अमावस्या के लिए पितरों के निमित्त खीर बनाएं। उस खीर में से थोड़ा सा भाग लेकर किसी चांदी के बर्तन, कटोरी आदि में रखें। कुछ देर पश्चात चांद के बर्तन वाली खीर पूरी खीर में मिलाकर 21 कन्याओं और सात बालकों को खिलाएं। ऐसा करने से धन संबंधी परेशानी दूर होने लगती है।

शत्रु पर विजय के लिए

शत्रु पर विजय के लिए

जीवन में अपने-पराए, जय-विजय और शत्रु बने ही रहते हैं। यदि आपको भी कोई परेशान कर रहा है या आप मुकदमा आदि नहीं जीत पा रहे हैं तो सर्वपितृ अमावस्या के दिन एक नारियल पर सिंदूर से स्वस्तिक बनाकर उसे हनुमान मंदिर में अर्पित करें और शत्रुओं से संबंधित अपनी परेशानियां खत्म करने का आग्रह हनुमानजी से करें।

समस्त कार्य में सफलता के लिए

समस्त कार्य में सफलता के लिए

यदि लाख प्रयत्न करने के बाद भी आपके हाथ से कोई काम सफल नहीं हो पाते हैं तो सर्वपितृ अमावस्या के लिए सवा पाव कच्चा दूध लेकर नीम, पीपल और बरगद की त्रिवेणी में अर्पित करें। दूध अर्पित करने से पहले वृक्षों की सात परिक्रमा कर ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। कार्यबाधा समाप्त होगी।

English summary
Sarvapitra Moksha Amavasya is a Hindu tradition dedicated to the ‘pitrs’ or ancestors. It is also referred as ‘Mahalaya Amavasya’ and is observed on the ‘amavasya’ (new moon day) of the ‘Bhadrapada’ month.
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