Sarv Pitru Amavasya 2020: पितराें की शांति के लिए सर्वपितृ अमावस्या पर करें श्राद्ध
नई दिल्ली। सोलह दिवसीय पितृपक्ष का समापन 17 सितंबर 2020 को सर्वपितृ अमावस्या पर होगा। जिन लोगों को अपने पितरों की मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं होती है, वे इस अमावस्या पर उनका श्राद्ध, तर्पण करते हैं। चूंकि इस दिन पितृपक्ष का समापन होता है इसलिए इसे पितृ विसर्जनी अमावस्या भी कहा जाता है। इस अमावस्या को महालया अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है, पृथ्वी पर अपने अग्रजों से धूप के रूप में अन्नादि ग्रहण करने आने वाले पितृ इस अमावस्या पर अपने लोक में लौट जाते हैं। यदि वे अपने अग्रजों द्वारा किए गए सत्कार से संतुष्ट होते हैं तो खुशहाली का आशीर्वाद देकर लौट जाते हैं।
जब पितरों की मृत्यु तिथि ज्ञात ना हो तो...
जब पितरों की मृत्यु तिथि ज्ञात ना हो तो पितरों की शांति के लिए पितृ विसर्जन अमावस्या पर श्राद्ध करने का नियम हैं। इस दिन किसी कर्मकांडी विद्वान ब्राह्मण को घर पर निमंत्रित करके विधि.विधान से पितरों का श्राद्ध संपन्न करवाएं और उन्हें भोजन करवाकर यथाशक्ति दान.दक्षिणा देकर विदा करें। श्राद्ध के लिए बनाए गए भोजन से पंचबलि अर्थात गाय, कुत्ते, कौए, देवता और चीटियों के लिए भोजन का अंश निकालकर उन्हें देना चाहिए। इसके पश्चात श्रद्धापूर्वक पितरों से मंगल की कामना करनी चाहिए। संध्या के समय सामर्थ्य के अनुसार, दो, पांच अथवा सोलह दीप भी प्रज्जवलित करने चाहिए।
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ध्यान रखने वाली बातें
- सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए गीता के सातवें अध्याय का पाठ अवश्य करें आैर उसका पूरा फल पितरों को अर्पित करें।
- इस दिन पीपल के पेड़ में जल अर्पित कर, पितरों की शांति और मोक्ष की प्रार्थना करे।
पितृशांति स्तोत्र का पाठ करने से पितृ प्रसन्न होते हैं
- एक लोटे में, दूध, पानी, काले तिल, शहद और जौ मिला लें। मावे या दूध की मिठाई, एक नारियल, सिक्का आैर एक जनेऊ लेकर पीपल वृक्ष के नीचे अÆपत कर दें।
- अमावस्या पर मंत्र ॐ सर्व पितृ देवताभ्यो नम: का जाप करने से पितरों की शांति होती है।
- इस दिन पितृशांति स्तोत्र का पाठ करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
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