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Santan Saptami Vrat 2020: जिनके घर का आंगन सूना वो जरूर करें ये व्रत
नई दिल्ली। भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को 'संतान सप्तमी' कहते हैं, जिसे कि 'ललिता सप्तमी' भी कहा जाता है, जिनके घर का आंगन सूना है उन्हें ये व्रत जरूर करना चाहिए। मां पार्वती- भगवान शंकर की पूजा करने से जिन महिलाओं को संतान नहीं है, उन्हें महादेव और मां पार्वती के आर्शीवाद से कार्तिक और गणेश जैसी तेजस्वी संतान की प्राप्ति होती है, वैस इस दिन पति पत्नी दोनों या फिर दोनों में से कोई एक संतान सप्तमी का व्रत एवं पूजा कर सकता है। केवल संतान ही नहीं बल्कि इस उपवास को करने के और भी बहुत सारे फायदे हैं।
जानिए इस व्रत के फायदे
- निःसंतान दंपती यदि यह व्रत करें तो उन्हें गुणी और ज्ञानवान संतान की प्राप्ति होती है।
- 'ललिता सप्तमी' का व्रत करने से पुराने और जीर्ण रोगों से छुटकारा मिलता है।
- मस्तिष्क संबंधी रोगों से मुक्ति मिलती है।
- सप्तमी का व्रत रखकर नमक नहीं खाने से त्वचा संबंधी रोग दूर होते हैं।
- इस व्रत को करने से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं।
- जन्मकुंडली में सूर्य पीड़ाकारी हो तो उनकी शांति होती है।
- सप्तमी व्रत से मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
- इस व्रत के प्रभाव से जन्मकुंडली में सूर्य से जुड़े दोष समाप्त होते हैं।
- कुंडली में यदि सूर्य के साथ राहु-केतु या अन्य दूषित ग्रह हों तो परेशानी देते हैं। इस व्रत से दूषित ग्रहों का प्रभाव समाप्त होता है।
- धन-संपत्ति, सुखों की प्राप्ति के लिए यह व्रत जरूर किया जाना चाहिए।
- इस व्रत को करने से आयु बढ़ती है।
English summary
Santan Saptami is observed on the Saptami Tithi (seventh day),in Bhadrapada month. On this day, devotees worship Lord Shiva and Mata Parvati and seek blessings for their children, and hence the name Santan.
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