Shaligram: घर में है शालिग्राम तो ये सावधानियां हैं जरूरी
नई दिल्ली। शालिग्राम का नाम तो आपने सुना ही होगा। वैष्णव पूजा पद्धति में शालिग्राम को साक्षात भगवान विष्णु का स्वरूप माना गया है, लेकिन शैव संस्कृति में भी इसका कम महत्व नहीं है। शालिग्राम गंडकी नदी में पाया जाने वाला एक गोल काला विचित्र सी आकृतियों वाला पत्थर होता है जिसे वैष्णव लोग विष्णु मानकर पूजते हैं। शैव संस्कृति में माना जाता है कि भगवान शिव धरती पर जहां-जहां से भी गुजरे उनके पैरों के नीचे आने वाले सभी कंकड़ पत्थर जिन पर उनकी कृपा हुई वे युगों तक विकसित होते रहे और उन्होंने शालिग्राम का स्वरूप ले लिया। इसलिए शैव लोग शालिग्राम को जागृत महादेव मानते हैं। शालिग्राम यदि आपके घर में हैं तो कई तरह की सावधानियां रखनी होती हैं अन्यथा इसके विपरीत प्रभाव भी देखने को मिलते हैं।
आइए जानते हैं शालिग्राम को घर में रखने के नियम और इससे होने वाले लाभ...
क्या सावधानियां रखें
- सबसे पहली बात, यदि आपने घर में असली शालिग्राम रख रखा है तो आपको घर को मंदिर जैसा बनाना होगा, यानी घर को अत्यंत पवित्र रखना होगा। घर में रहने वालों के मन भी पवित्र संतों की तरह हों। घर में आने वाले प्रत्येक अतिथि का आदर-सत्कार किया जाए। कोई भूखा कोई खाली हाथ ना जाए। घर के सदस्यों के मन में किसी प्रकार का राग-द्वेष ना हो। पवित्र मन से सभी से प्रेम करें। सदस्य एक-दूसरे से विवाद, अपशब्दों का प्रयोग ना करें।
- आपने शालिग्राम की पूजा का जो भी क्रम बना रखा है। चाहे वह रोज चंदन लगाने का हो, रोज फूल चढ़ाने का हो, रोज जल या दूध चढ़ाने का हो नियम से वह किया जाए। यदि एक भी दिन आपने गैप कर दी तो शालिग्राम का विपरीत प्रभाव मिल सकता है।
- शालिग्राम ना तो किसी गृहस्थ या सांसारिक व्यक्ति से दान में लें और ना ही किसी गृहस्थ या सांसारिक व्यक्ति को दान में देना चाहिए। इसे आप अपनी मेहनत और सत्य की कमाई से ही खरीदें तो बेहतर होगा। कोई सिद्ध पुरुष या संत आपको दे तो अवश्य लें।
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शालिग्राम एक जागृत महादेव हैं
- शालिग्राम एक जागृत महादेव हैं और इसमें विष्णु का अंश भी समाया हुआ है। यदि आप ध्यान देंगे तो शालिग्राम पल प्रतिपल बढ़ता जाता है। यह इतनी सूक्ष्म मात्रा में बढ़ता है कि कई सैकड़ों वर्षों में ही इसके बढ़े हुए आकार का अंदाजा लग सकता है। जिस तरह यह सर्वविदित है कि हमारा ब्रह्मांड, आकाशगंगा लगातार फैल रहे हैं, उसी तरह शालिग्राम भी बढ़ता है। इसलिए इसमें कोई संशय नहीं कि यह जागृत नहीं है।
- यदि आप घर में असली शालिग्राम ले आए हैं लेकिन उसकी ठीक से, नियम से देखभाल नहीं कर पा रहे हैं तो इसका उल्टा प्रभाव देखने को मिलेगा।
- आपके परिवार में कोई न कोई परेशानी चलती रहेगी। ऐसी स्थिति में शालिग्राम को या तो नदी में प्रवाहित कर देना चाहिए या किसी सिद्ध संत को भेंट कर देना चाहिए, या किसी मंदिर में रख आएं।
- शालिग्राम पूजा से आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं। जो व्यक्ति अध्यात्म की ओर जाना चाहता है, साधना-सिद्धियां हासिल करना चाहता है वह अपने पास शालिग्राम जरूर रखे।
- गृहस्थ लोग यदि भौतिक उन्न्ति की कामना से शालिग्राम पूजा करते हैं और सही नियमों का पालन करते हैं तो निश्चित ही वे अपने कार्य में सफल होते हैं।
- शालिग्राम पूजा से अतुलनीय धन-संपदा प्राप्त होती है। समस्त सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है।
शालिग्राम पूजा के लाभ
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