Ram navmi 2019: अष्टमी-नवमी दोनों आज ही, जानिए रामनवमी की पूजा का महत्व
नई दिल्ली। आज चैत्र नवरात्र की अष्टमी और नवमी दोनों है, दरअसल 12 अप्रैल 2019 दिन शुक्रवार को सुबह 10:18 बजे से 13 अप्रैल यानी कि आज सुबह 08:16 बजे तक ही अष्टमी तिथि थी और उसके बाद नवमी तिथि लग गई है इसलिए महानवमी का व्रत आज ही है, आपको बता दें कि नवमी तिथि 14 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक ही विद्यमान रहेगी।
रामनवमी और नवरात्र का आपस में क्या कनेक्शन है?
गौरतलब है कि चैत्र नवरात्र की नवमी को ही राम-जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं, अब सबके मन में सवाल उठता है कि आखिर रामनवमी और नवरात्र का आपस में क्या कनेक्शन है, तो आपको बता दें कि दोनों का काफी गहरा कनेक्शन है।
मां ने किया था असुरों का संहार
दरअसल मां दुर्गा ने चंड, मुंड, शुंभ, निशुंभ, चिक्षुपर, महिषासुर जैसा दानवों का वध किया था तो वहीं दूसरी ओर भगवान राम ने रावण का वध किया था, राम और मां दुर्गा दोनों ने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई थी। पुराणों के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की उपासना से ही शक्ति प्राप्त की थी।
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मां दुर्गा शक्ति और शांति की मानक हैं...
जबकि मां दुर्गा शक्ति और शांति की मानक हैं इसलिए नवरात्रों में रामचरित-मानस का विधान है और जातक दुर्गा पूजा के साथ-साथ रामकथा का भी पाठ करते हैं।दोनों ही नवरात्रों में भगवान राम को भी पूजा जाता है चैत्र नवरात्र में जहां प्रभु श्री राम का जन्मदिवस मनाते हैं वहीं शारदीय नवरात्रि में दशहरा मनाने का प्रावधान है, रावण पर विजय के कारण इसे 'विजयादशमी' भी कहते हैं।
रामचरितमानस
गोस्वामी तुलसीदास के रामचरितमानस के अनुसार चैत्र शुक्ल की नवमी तिथि और पुनर्वसु नक्षत्र के चतुर्थ चरण और कर्क लग्न में भगवान श्रीराम का जन्म हुआ। ऐसी मान्यता है कि भगवान राम का नाम लेने मात्र से ही सभी समस्याओं का निदान संभव है।
भगवान राम पूरी करते हैं हर मनोकामना
यदि नित्य राम स्तोत्र का पाठ किया जाए तो ऐसी कोई मनोकामना नहीं जिसे भगवान राम पूरी नहीं करते। राम को भगवान विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है। इस दिन पूरे देश अनेक कार्यक्रम होते हैं और भगवान राम की विधि विधान से पूजा की जाती है। इस दिन हजारों लोग अयोध्या पहुंचकर पुण्यसलिला सरयू नदी में स्नान कर पुण्यार्जन करते हैं।
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