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Ram Navami 2020: जानिए कौन हैं प्रभु श्री राम, क्यों कहलाते हैं विष्णु अवतार?

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नई दिल्ली। गोस्वामी तुलसीदास के रामचरितमानस के अनुसार चैत्र शुक्ल की नवमी तिथि तथा पुनर्वसु नक्षत्र के चतुर्थ चरण एवं कर्क लग्न में भगवान श्रीराम का जन्म हुआ। ऐसी मान्यता है कि भगवान राम का नाम लेने मात्र से सभी समस्याओं का निदान संभव है। यदि नित्य राम स्तोत्र का पाठ किया जाए तो ऐसी कोई मनोकामना नहीं जिसे भगवान राम पूरी नहीं करते। राम स्त्रोत भगवान राम की उपासना करने बहुत ही सरल व सहज माध्यम है।

विष्णु का सातवां अवतार

विष्णु का सातवां अवतार

भगवान राम केवल चरित्र नहीं बल्कि एक आदर्श व्यक्तित्व है इसलिए अलग-अलग पुराणों और ग्रंथों में उन्हें लेकर काफी कुछ लिखा गया है। हर किताब उनके बारे में एक अलग कहानी कहती है। ऐसी मान्यता है कि असुरों के राजा रावण का संहार करने के लिए भगवान विष्णु ने त्रेता युग में राम के रूप में विष्णु का सातवां अवतार लिया था।

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'राम थे और यहीं थे'

'राम थे और यहीं थे'

भगवान राम के अस्तित्व को लेकर फादर कामिल बुल्के ने करीब 300 से ज्यादा तथ्यों को लोगों के सामने पेश किया जिससे पता चलता है कि राम थे और यहीं थे।

वाल्मीकि रामायण में प्रभु का मनोरम वर्णन

वाल्मीकि रामायण के मुताबिक रामायण में वर्णन के अनुसार राजा दशरथ की पत्नी को पुत्र उत्पन्न नहीं हो रहा था, तो शृंगी ऋषि द्वारा प्रसाद स्वरूप खीर को खाने से पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी। वाल्मीकि ने लिखा है कि मां सीता और भगवान राम की शादी के वक्त सीता की उम्र 6 साल थी। मां सीता शादी के बाद 12 साल तक भगवान राम के साथ अयोध्या में रहीं। वनवास के वक्त मां सीता की उम्र 18 साल थी।

रामचरित मानस में स्वंयवर का उल्लेख लेकिन

रामचरित मानस में स्वंयवर का उल्लेख लेकिन

रामचरित मानस में सीता स्वयंवर का उल्लेख है लेकिन वाल्मीकि रामायण में नहीं। वाल्मीकि ने लिखा है कि राम गुरू विश्वामित्र के साथ जनकपुरी गये थे जहां बातों-बातों में उन्होंने शिवजी का धनुष तोड़ दिया जिसके बाद जनक ने सीता का विवाह उनसे कर दिया था क्योंकि उन्होंने प्रण किया था कि वो उसी से सीता की शादी करेंगे जो धनुष तोड़ेगा, जबकि तुलसीदास ने लिखा है कि भगवान राम ने स्वंयवर में धनुष तोड़ा था।

रामसेतु

रामसेतु

रामायण में सीता के खोज में श्रीलंका जाने के लिए 25 किलोमीटर लम्बे पत्थर के सेतु का निर्माण करने का उल्लेख है, जिसको हम आज रामसेतु कहते हैं ।वैदिक साहित्य में 'राम' का उल्लेख प्रचलित रूप में नहीं मिलता है। ऋग्वेद में केवल दो स्थलों पर ही 'राम' शब्द का प्रयोग हुआ है, उनमें से भी एक जगह काले रंग (रात के अंधकार) के अर्थ में और शेष एक जगह ही व्यक्ति के अर्थ में प्रयोग हुआ है, लेकिन वहां भी उनके अवतारी पुरुष या दशरथ के पुत्र होने का कोई संकेत नहीं है।

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English summary
Rama or Ram also known as Ramachandra, is a major deity of Hinduism. He is the seventh avatar of the god Vishnu.
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