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प्रदोष व्रत 2019: कब-कब आएगा प्रदोष व्रत, क्यों किया जाता है शिव पूजन

By Pt. Gajendra Sharma
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भगवान शिव की कृपा पाने का सबसे बड़ा दिन होता है प्रदोष व्रत। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत करने वाले व्यक्ति के जीवन से सारे संकटों का नाश हो जाता है और उसके पूरे परिवार पर शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है। हिंदू पंचांग के अनुसार प्रदोष व्रत प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि के दिन किया जाता है। यह व्रत शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों की त्रयोदशी के दिन किया जाता है। प्रदोष व्रत वैसे तो किसी भी वार के दिन आए शुभ होता है लेकिन कुछ विशेष वारों के साथ आने पर यह अधिक शुभ फलदायी हो जाता है। इनमें सोमवार को आने वाले सोम प्रदोष, मंगलवार को आने वाले भौम प्रदोष और शनिवार को आने वाले शनि प्रदोष का अधिक महत्व होता है।

कैसे की जाती है प्रदोष व्रत की पूजा

कैसे की जाती है प्रदोष व्रत की पूजा

जैसा कि नाम से ज्ञात है प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय प्रदोषकाल में की जाती है। सूर्यास्त से लगभग एक घंटा पहले का समय प्रदोषकाल कहलाता है। इसमें स्नान करके पवित्र श्वेत वस्त्र धारण करके पूजा स्थान में उत्तर-पूर्व की ओर मुंह करके बैठें। अपने आसपास गंगाजल छिड़ककर स्थान को पवित्र कर लें। इसके बाद संभव हो तो गाय के गोबर से लीपकर मंडप तैयार करें। इसमें पांच रंगों से रंगोली बनाएं। भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें। अभिषेक करते समय शिव महिम्नस्तोत्र का पाठ करें या केवल ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। अभिषेक के बाद विधिवत पूजन कर मिठाई, फलों का नैवेद्य लगाएं। यह व्रत 26 प्रदोष करने पर पूर्ण होता है। इसके बाद व्रत का उद्यापन करना चाहिए।

प्रदोष व्रत के लाभ

प्रदोष व्रत के लाभ

- प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव की पूर्ण कृपा प्राप्त की जा सकती है। इससे जीवन में किसी प्रकार का अभाव नहीं रह जाता है।

- आर्थिक संकटों का समाधान करने के लिए प्रदोष व्रत अवश्य करना चाहिए।
- प्रदोष व्रत के प्रभाव से हर तरह के रोग दूर हो जाते हैं। बीमारियों पर होने वाले खर्च में कमी आती है।
- अविवाहित युवक-युवतियों को प्रदोष व्रत अवश्य करना चाहिए। इससे उन्हें योग्य वर-वधू की प्राप्ति होती है।
- भगवान शिव ज्ञान और मोक्ष के दाता है। अध्यात्म की राह पर चलने की चाह रखने वालों को प्रदोष व्रत अवश्य करना चाहिए।

2019 में कब-कब आएंगे प्रदोष व्रत

2019 में कब-कब आएंगे प्रदोष व्रत

18 जनवरी, शुक्रवार पौष शुक्ल

2 फरवरी, शनिवार माघ कृष्ण शनि प्रदोष

17 फरवरी, रविवार माघ शुक्ल

3 मार्च, रविवार फाल्गुन कृष्ण

18 मार्च, सोमवार फाल्गुन शुक्ल सोम प्रदोष

2 अप्रैल, मंगलवार चैत्र कृष्ण भौम प्रदोष

17 अप्रैल, बुधवार चैत्र शुक्ल

2 मई, गुरुवार वैशाख कृष्ण

16 मई, गुरुवार वैशाख शुक्ल

31 मई, शुक्रवार ज्येष्ठ कृष्ण

14 जून, शुक्रवार ज्येष्ठ शुक्ल

30 जून, रविवार आषाढ़ कृष्ण

14 जुलाई, रविवार आषाढ़ शुक्ल

29 जुलाई, सोमवार श्रावण कृष्ण सोम प्रदोष

12 अगस्त, सोमवार श्रावण शुक्ल सोम प्रदोष

28 अगस्त, बुधवार भाद्रपद कृष्ण

11 सितंबर, बुधवार भाद्रपद शुक्ल

26 सितंबर, गुरुवार आश्विन कृष्ण

11 अक्टूबर, शुक्रवार आश्विन शुक्ल

26 अक्टूबर, शनिवार कार्तिक कृष्ण शनि प्रदोष

9 नवंबर, शनिवार कातिक शुक्ल शनि प्रदोष

24 नवंबर, रविवार मार्गशीर्ष कृष्ण

9 दिसंबर, सोमवार मार्गशीर्ष शुक्ल सोम प्रदोष

23 दिसंबर, सोमवार पौष कृष्ण सोम प्रदोष

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English summary
pradosh vrat 2019: dates for pradosh vrat and why do people worship lord shiva
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