Pitru Paksha 2020: महालय अमावस्या आज, पितरों को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय
नई दिल्ली। आज महालय अमावस्या है यानी कि पितृ पक्ष का आखिरी दिन, हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह की अमावस्या को महालय अमावस्या कहते हैं, इसे सर्व पितृ अमावस्या, पितृ विसर्जनी अमावस्या एवं मोक्षदायिनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस बार महालय अमावस्या की समाप्ति के बाद शारदीय नवरात्रि प्रारंभ नहीं हो रही है, मालूम हो कि शास्त्रों में महालय अमावस्या का बड़ा महत्व बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि जिन पितरों की मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं होती है उन पितरों का श्राद्ध आज के दिन करना चाहिए, इससे पूर्वजों को शांति और श्राद्ध करने वाले को पुण्य की प्राप्ति होती है।
श्रद्धा, आस्था और प्रेम के साथ पूर्वजों का करें श्राद्ध
आपको बता दें कि श्राद्ध का अर्थ होता है, श्रद्धा, आस्था और प्रेम के साथ कुछ भी पूर्वजों को भेंट करना। पितृ पक्ष पूर्वजों की मृत्यु तिथि के दिन जल, जौ, कुशा, अक्षत, दूध, पुष्प आदि से उनका श्राद्ध सम्पन्न किया जाता है, पितृ पक्ष में श्राद्ध करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और पूर्वज प्रसन्न होकर पूरे वर्ष आपके दीर्घायु और प्रगति की कामना करते हैं।
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आज पितरों को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय
- पीपल व बरगद के पेड़ की पूजा करने से पितृ दोष का शमन होता है।
- अपने माता-पिता व भाई-बहन की मदद करें।
- अमावस्या को खीर का भोग लगाकर दक्षिण दिशा में पितरों का अवाहन करके ब्राह्रणों यथा शक्ति दक्षिणा देकर भोजन करायें।
गायत्री मंत्र का जाप
- सूर्योदय के समय सूर्य के सामने खड़े होकर गायत्री मंत्र का जाप करने से लाभ मिलता है।
- ऊॅ नवकुल नागाय विदहे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प प्रचोदयात मंत्र की एक माला का पितृ पक्ष में नियमित जाप करना चाहिए।
- घर की पलंगों पर मोर का पंख लगाना चाहिए।
खास बातें
मनुष्य मात्र के लिए शास्त्रों में तीन ऋण विशेष बताए गए हैं।
- देव ऋण
- ऋषि ऋण
- पितृ ऋण।
इनमें से श्राद्ध की क्रिया से पितरों का पितृ ऋण उतारा जाता है।
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