कुप्रथा का अंत: वृंदावन में विधवाओं ने खेली होली, देखें तस्वीरें
वृंदावन। होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है इसलिए इस मौके पर हर बुरी प्रथा का अंत होना जरूरी है। जिसकी शुरूआत हुई कान्हा की नगरी वृंदावन से, जहां सोमवार को सैंकड़ों विधवाओं ने प्राचीन ठाकुर राधा गोपीनाथ मंदिर में रंगों की होली खेली।
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क्या है प्रथा?
आज भी हमारे देश के कुछ इलाकों में विधवा स्त्री को अच्छा नहीं मानते हैं। उन्हें शुभ कामों से दूर रखा जाता है और उन्हें रंगो-रंगीन कपड़े से दूर रहने को कहा जाता है।
कुप्रथा का अंत
लेकिन सोमवार को गोपीनाथ मंदिर में उस कुप्रथा का अंत हुआ जिसमें विधवाओं को रंगों से दूर रखा जाता है, मंदिर परिसर में हर महिला ने अपने सफेद रंग को छोड़कर रंग-बिरंगे रंगों को गले से लगाया। इस सार्थक पहल से साबित हुआ कि विधवा होने से कोई महिला अछूत नहीं हो जाती है।
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