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Paush Amavasya 2019: पौष अमावस्या 26 दिसंबर को, जानिए महत्व

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। अमावस्या तिथि पितरों की शांति करके समस्त सुखों की प्राप्ति करने का अचूक दिन होता है। पौष अमावस्या 26 दिसंबर 2019, गुरुवार को आ रही है। इस दिन सूर्य ग्रहण होने से इस अमावस्या का महत्व कई गुना बढ़ गया है। इस दिन पितरों के निमित्त किए गए दान-पुण्य करोड़ों अश्वमेघ यज्ञ के समय पुण्य फल प्रदान करेंगे। इस दिन किए गए दान से समस्त सुखों की प्राप्ति होगी। पौष माह में सूर्यदेव की उपासना का विशेष महत्व बताया गया है। इस माह में लोग सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने के लिए रविवार के व्रत भी रखते हैं। पौष अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए तर्पण व श्राद्ध किया जाता है। पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए भी पौष अमावस्या से अच्छा कोई और दिन नहीं।

 वर्ष 2020 में नहीं आएगी पौष अमावस्या

वर्ष 2020 में नहीं आएगी पौष अमावस्या

पौष अमावस्या वर्ष की सबसे उत्तम अमावस्या मानी गई है। तिथियों और महीनों के घट-बढ़ के कारण किसी एक वर्ष में दो बार पौष अमावस्या आ जाती है, तो किसी वर्ष में एक भी पौष अमावस्या नहीं आती है। इस वर्ष यानी 2019 में दो बार पौष अमास्या का संयोग बना। एक बार 5 जनवरी 2019 को आई थी और दूसरी इसी वर्ष 26 दिसंबर को आ रही है। लेकिन वर्ष 2020 में एक बार भी पौष अमावस्या नहीं आएगी। इसके बाद वर्ष 2021 में 13 जनवरी को पौष अमावस्या आएगी। इसलिए अपने जीवन को सुखों से परिपूर्ण करने के लिए यदि आप कोई उपाय करना चाहते हैं तो इसी पौष अमावस्या पर कर लें, वरना अब 2021 में ही मौका मिलेगा।

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क्या करें पौष अमावस्या पर

क्या करें पौष अमावस्या पर

  • पौष अमावस्या पितृ कार्य के लिए उत्तम मानी गई है। इस दिन पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें, सूर्य देव को अर्घ्य दें। पितरों के निमित्त तर्पण करें।
  • सूर्यदेव के मंत्र ऊं भास्कराय नम: का जाप करते हुए अर्घ्य दें। तांबे के पात्र में शुद्ध जल, लाल चंदन और लाल गुड़हल का फूल डालकर अर्घ्य दें।
  • इस दिन पितरों की शांति के लिए किसी ब्राह्मण से श्राद्ध कर्म, पिंड कर्म, तर्पण आदि करवाएं और यथाशक्ति गरीबों को आवश्यकता की वस्तु दान दें।
  • पौष अमावस्या के दिन कालसर्प दोष की शांति करवाने का बड़ा महत्व है। इससे दोष की शांति शीघ्र होती है।
  • पितृ दोष की शांति भी इस दिन की जा सकती है। इसके लिए किसी पवित्र नदी में स्नान करके उसके तट पर ही पूजा संपन्न् करवाएं।
  • अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ में कच्चा दूध, जल और बताशा अर्पित करें। पेड़ की पूजा कर 108 परिक्रमा करें। धन की प्राप्ति होगी।
  • जिन दंपतियों को संतान सुख प्राप्त नहीं हो रहा है, वे इस दिन पितरों के निमित्त पूजन करवाएं, संतानहीनता दोष दूर होगा।
  • इस पौष अमावस्या पर सूर्यग्रहण भी आ रहा है। इसलिए जिन लोगों की जन्मकुंडली में ग्रहण दोष बना हुआ है वे सूर्यदेव की विशेष आराधना करें।
  • इस दिन आदित्यहृदय स्तोत्र के 108 पाठ करने से समस्त शत्रुओं का शमन होता है। राजकीय कार्य में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
  • आर्थिक संकटों से मुक्ति के लिए पौष अमावस्या पर लक्ष्मीनारायण की पूजा संपन्न् करवाएं।
  • शारीरिक रोगों से मुक्ति, दुर्घटनाओं से बचाव के लिए पौष अमावस्या पर महामृत्युंजय मंत्र के पाठ करते हुए शिवजी का अभिषेक करें।
अमावस्या का समय

अमावस्या का समय

  • तिथि प्रारंभ- 25 दिसंबर को सुबह 11.17
  • तिथि समाप्त- 26 दिसंबर को सुबह 10.43
  • नक्षत्र- मूल
  • योग- वृद्धि
  • चंद्र-सूर्य- धनु राशि में

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English summary
Amavasya in December 2019 is Paush Amavasya or Pushya amavasya as per Hindu calendar.here is Puja Vidhi And Muhurat Time.
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