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जब स्वामी विवेकानंद ने बताया कि भारत में कैसे होता है चरित्र-निर्माण?

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Short Story: अपनी बातों और विचारों से लोगों को प्रभावित करने वाले स्वामी विवेकानंद के बारे में ऐसे बहुत सारे किस्से हैं जिन्हें सुनकर इंसान अपने जीवन को खूबसूरत बना सकता है।

जब स्वामी विवेकानंद की छाती पर रामकृष्ण परमहंस ने रख दिया पैर!जब स्वामी विवेकानंद की छाती पर रामकृष्ण परमहंस ने रख दिया पैर!

ऐसा ही एक किस्सा हम आज आपको बताते हैं..बात 1939 की है. जब स्वामी विवेकानंद के एक विदेशी मित्र ने उनके गुरु श्री रामकृष्ण परमहंस से मिलने का आग्रह किया और कहा कि वह उस महान व्यक्ति से मिलना चाहता है जिसने आप जैसे महान व्यक्तित्व का निर्माण किया है।

जब स्वामी विवेकानंद ने बताया कि भारत में कैसे होता है चरित्र-निर्माण

यह बात सुनकर स्वामी जी अपने मित्र को अपने गुरू के पास ले गये। लेकिन जब उनके मित्र ने उनके गुरू को देखा तो एकदम हैरान रह गये और अपने आप पर नियंत्रण ना रख पाये और तुंरत उन्होंने कहा कि अरे आपका गुरू ये व्यक्ति कैसे हो सकता है जिन्हें कपड़े पहनने तक का सलीका नहीं है।

देश में चरित्र का निर्माण आचार-विचार करते हैं

जिस पर स्वामी विवेकानंद ने बिना गुस्साये विनम्रत पूर्वक मुस्कुरा कर कहा कि मित्र यही तो फर्क है आपकी और मेरी सोच में क्योंकि आप किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व का आकंलन उसके कपड़े से करते हैं यानी कि आपके देश में चरित्र का निर्माण एक दर्जी करता है लेकिन हमारे देश में चरित्र का निर्माण आचार-विचार करते है।

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Comments
English summary
when foreigner asked Swami Vivekananda that Can't you wear proper clothes to be a gentle man? "Swami Vivekananda Replied:" In your culture TAILOR makes gentlemen, But in our culture CHARACTER make gentlemen.
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