Navratri 2018: जानिए मां भगवती के श्रृंगार का महत्व और देखें दुर्गा-पूजा की तस्वीरें
नई दिल्ली। नवरात्रि की पूजा में इस वक्त पूरा भारत लीन है, मां का हर भक्त अपने हिसाब से इस वक्त देवी दुर्गा की अराधना कर रहा हैं, आदिशक्ति को सजाने के लिए कहीं-कहीं पंडालों में मोती का तो कहीं आभूषणों-फूलों का प्रयोग किया गया है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दिनों केवल मां का श्रृंगार ही मायने नहीं रखता है बल्कि मां की पूजा करने वाली भक्तजनों का भी संजना-संवरना काफी जरूरी है।
इस बारे में पंडित स्वामी नाथ शर्मा का कहना है कि मां का श्रृंगार हमलोग इसलिए करते हैं क्योंकि वो पावन हैं और सर्वशक्तिमान और सुंदर हैं।जिनकी छांव में इंसान हर दर्द भूल जाता है, जब बच्चों को ममता की जरूरत बनती हैं तो वो परमप्रिया मां पार्वती बन जाती हैं और जब बच्चों की जान पर बन आती हैं तो वो मां काली का रूप धर लेती हैं, इसलिए भक्तजन खुश होकर अपनी मां को सजाते हैं। यह पढ़ें: दशहरा-नवरात्र पर स्पेशल कवरेज के लिए क्लिक करें
मां का वास अपने हर भक्त के दिल में होता है इसलिए मां की तरह भक्त को भी संजना-संवरना चाहिए क्योंकि इस वजह से को खुश और शांत रहेगा जो कि किसी भी काम को करने के लिए बहुत ज्यादा जरूरी हैं इसलिए दुर्गासप्तशति और पुराणों में मां के श्रृंगार का वर्णन होता है।
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मालूम हो कि नवरात्र में कहीं-कहीं तो लोग मां का श्रृंगार करते समय काफी नाचते-गाते भी हैं। मां की भक्ति का यह भी एक मोहक हिस्सा है।माना जाता है कि माता को लाल और पीला रंग बहुत पसंद हैं और वो इन रंग के कपड़ों को पहनती हैं इसी कारण इन रंगो के कपड़ों का प्रयोग हर शुभ काम में किया जाता है इसलिए मां को प्रसन्न करने के लिए हर जातक अपनी हर संभव कोशिश करता है।
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