Navratri 2018: इस नवरात्रि वो सबकुछ मिलेगा जो आप पाना चाहते हैं
नई दिल्ली। शारदीय नवरात्रि 10 अक्टूबर बुधवार से प्रारंभ हो रही है। आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन चित्रा नक्षत्र और बुधवार का शुभ संयोग बनना सर्वत्र शुभ संकेत है। बुधवार भगवान श्रीगणेश का दिन है और पुत्र के दिन माता का आना अत्यंत शुभ संयोग है। ऐसे शुभ संयोग में देवी की आराधना, पूजा करना हर तरह से शुभप्रद साबित होगा। इस नवरात्रि में यदि आप अपने जीवन की समस्त परेशानियों का हल चाहते हैं और मनोकामना की पूर्ति करना चाहते हैं तो कुछ विशेष अनुष्ठान से देवी को प्रसन्न् करके आप वो सबकुछ हासिल कर सकते हैं जिन्हें पाने की आपकी ख्वाहिश है। धन-दौलत, सम्मान, सुख, संपत्ति, प्रेम यहां तक कि विवाह में कोई बाधा आ रही है तो वह भी दूर हो जाएगी और आपको शीघ्र ही कोई योग्य जीवनसाथी मिल जाएगा।
आइए जानते हैं आपको करना क्या है....
परिवार में प्रेम के लिए
पारिवारिक विवाद आजकल घर-घर की कहानी बन गया है। परिवार में कलह अत्यधिक बढ़ जाए तो रहना मुश्किल हो जाता है। यदि आप भी कुछ ऐसी ही परिस्थिति से जूझ रहे हैं तो नवरात्रि में किसी भी दिन स्नानादि से निवृत्त होकर 'सब नर करहिं परस्पर प्रीति। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीति" चौपाई का उच्चारण करते हुए अग्नि में घी से 108 बार आहुति दें। घी की आहुति देने के बाद इसी चौपाई का घर में प्रतिदिन कम से कम 21 बार पाठ करें। इससे परिजनों के बीच विवाद खत्म होगा और प्रेम बढ़ेगा।
धनलाभ के लिए
नवरात्रि में अष्टमी या नवमी तिथि के दिन अपने पूजा स्थान में उत्तर दिशा में मुंह करके लाल कंबल के आसन पर बैठे। अपने सामने लाल चावलों की एक ढेरी बनाकर उस पर श्रीयंत्र रखें। श्रीयंत्र पर केसर से नौ बिंदी लगाएं। श्रीयंत्र के सामने तेल के नौ दीपक जलाकर नौ बार श्रीसूक्त का पाठ करें। पूजा के बाद श्रीयंत्र को पूजा स्थल में ही स्थापित कर दें और चावल समेत अन्य सामग्री को बहते जल में प्रवाहित कर दें। इससे आपको शीघ्र ही आर्थिक लाभ होने लगेगा।
अच्छी नौकरी के लिए
अच्छी नौकरी पाना आज की सबसे बड़ी समस्या और चुनौती बन गया है। यदि आपके पास कोई अच्छा जॉब नहीं है या वर्तमान जॉब में प्रमोशन चाहते हैं तो नवरात्रि में किसी भी दिन साफ-स्वच्छ सफेद रंग के कपड़े का आसन बनाकर बैठें। देवी दुर्गा के चित्र के सामने तेल के चार दीपक लगाएं और ऊं दुं दुर्गाए नम: मंत्र की सात माला जाप करें।
विवाह की बाधा दूर करने के लिए
कई युवक-युवतियों के विवाह में बाधा आती है। सबकुछ ठीक होने के बाद भी विवाह की बात तय नहीं हो पाती। यदि युवती का विवाह नहीं हो पा रहा है तो नवरात्र के पहले दिन पूजा स्थान पर शिव-पार्वती का चित्र स्थापित करें। प्रतिदिन ऊं शं शंकराय सकल जन्मार्जित पाप विध्वंसनाय, पुरुषार्थ चतुष्टय लाभाय च पतिं मे देहि कुरु कुरु स्वाहा। इस मंत्र का पांच माला जप करें। इससे शीघ्र योग्य युवक पति के रूप में प्राप्त हो जाएगा। यदि किसी युवक के विवाह में बाधा आ रही है तो वह 'पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणम, तारिणीं दुर्गसंसारसागरस्य कुलोद्भवाम" मंत्र का 108 बार आप करें।
किसी विशेष कामना की पूर्ति के लिए
अष्टमी तिथि के दिन किसी शिव मंदिर की सफाई करें। शिवलिंग को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) से स्नान कराएं और उसके बाद शुद्ध जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कराएं। शिवजी का श्रृंगार करें। मावे से बनी मिठाई का भोग लगाएं और कर्पूर से आरती करके घर आ आएं। इसके बाद रात्रि में 10 से 12 बजे के बीच उसी मंदिर में जाकर अग्नि प्रज्ज्वलित कर ऊं नम: शिवाय मंत्र का जप करते हुए घी की 108 आहुति दें। इसके बाद घर पर लगातार 40 दिन तक इस मंत्र की पांच माला का जप करें। आप जिस किसी विशेष कामना की पूर्ति के लिए यह प्रयोग करेंगे वह 21 दिन में जरूर पूरी होगी।
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