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Narsimha Jayanti 2020: कौन हैं नरसिंह भगवान, जानिए कैसे करें उनकी पूजा

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नई दिल्ली। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार धारण किया था इसलिए इस दिन नृसिंह जयंती मनाई जाती है, नृसिंह को शक्ति, पराक्रम और शत्रुओं के नाशक के रूप में जाना जाता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान विष्णु ने आज के ही दिन नृसिंह अवतार लेकर दैत्यों का राजा हिरण्यकशिपु का वध किया था, मान्यता है कि इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से भगवान नृसिंह प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

आइए जानते हैं भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार के बारे में कुछ खास बातें

नरसिंह नर + सिंह (मानव-सिंह)

नरसिंह नर + सिंह (मानव-सिंह)

नरसिंह नर + सिंह (मानव-सिंह) को पुराणों में भगवान विष्णु का अवतार माना गया है। जो आधे मानव एवं आधे सिंह के रूप में प्रकट होते हैं, जिनका सिर एवं धड़ तो मानव का था लेकिन चेहरा एवं पंजे सिंह की तरह थे, वे भारत में, खासकर दक्षिण भारत में वैष्णव संप्रदाय के लोगों द्वारा एक देवता के रूप में पूजे जाते हैं जो सदैव अपने भक्तों की रक्षा के लिए प्रकट होते हैं। भारत में सिर्फ 5 जगहों पर भगवान नृसिंह का मंदिर है।

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 ये जगह हैं...

ये जगह हैं...

  • मथुरा ( यूपी)
  • मायापुर ( पश्चिम बंगाल)
  • बीकानेर (राजस्थान)
  • हाटपिप्लिया
  • बनमनखी (बिहार)
इन मंत्रों से करें पूजा आरंभ

इन मंत्रों से करें पूजा आरंभ

नरसिंह मंत्र ऊं उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्।
नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युमृत्युं नमाम्यहम् ॥

(हे क्रुद्ध एवं शूर-वीर महाविष्णु, तुम्हारी ज्वाला एवं ताप चतुर्दिक फैली हुई है। हे नरसिंहदेव, तुम्हारा चेहरा सर्वव्यापी है, तुम मृत्यु के भी यम हो और मैं तुम्हारे समक्षा आत्मसमर्पण करता हूं।)

ऐसे करें पूजा

ऐसे करें पूजा

नृसिंह जयंती के दिन व्रत एवं भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार की पूजा की जाती है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अपने घर के पूजा स्थान में एक चौकी पर लाल श्वेत वस्त्र बिछाकर उस पर भगवान नृसिंह और मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें। षोडशोपचार पूजन करें। भगवान नृसिंह की पूजा में फल, पुष्प, पंचमेवा, कुमकुम केसर, नारियल, अक्षत व पीतांबर का प्रयोग करें। भगवान नृसिंह के मंत्र ऊं नरसिंहाय वरप्रदाय नम: मंत्र का जाप करें। जाप करते समय कुश का आसन बिछा लें और रूद्राक्ष की माला से जाप करें। दिन भर व्रत रखें।

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English summary
Today, 6 May, the Vaishakha Shukla Chaturdashi marks the Narsimha Jayani festival, here is some unknwon facts about him.
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