Narad Jayanti 2021: नारद मुनि के बारे में जानिए खास बातें
नई दिल्ली, 27 मई। आज नारद जयंती है, आज पूरे देश में इस जयंती को अलग-अलग रूपों में मनाया जा रहा है, देवताओं के ऋषि कहे जाने वाले 'नारद मुनि' की जयंती हर साल कृष्णपक्ष की द्वितीया को मनाई जाती है। आपको बता दें कि नारद, ब्रह्मा के 17 मानस पुत्रों में से एक थे, जिन्होंने कठिन तपस्या से ब्रह्मर्षि पद प्राप्त किया था, वे भगवान विष्णु के अनन्य भक्तों में से एक माने जाते हैं।
आइए जानते हैं नारद मुनि से जुड़ी कुछ बेहद खास बातें
आज नारद जयंती है
देवर्षि नारद धर्म के प्रचार और लोक-कल्याण हेतु सदैव प्रयत्नशील रहते हैं। शास्त्रों में इन्हें भगवान का मन कहा गया है, यही वजह है कि सभी युगों में, सभी लोकों में, समस्त विद्याओं में, समाज के सभी वर्गो में नारद का सदा से एक महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है, नारद मुनि का आदर केवल देवता ही नहीं बल्कि असुर भी किया करते थे।
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ब्रह्मा के 17 मानस पुत्रों में से एक थे नारद
परमपिता ब्रह्मा के 17 मानस पुत्रों में से एक नारद ने 'नारद पुराण' की रचना की थी, इसमें उन्होंने बताया है कि कलयुग में पाप बढ़ जाएगा और संसार में संतुलन स्थापित करना मुश्किल हो जाएगा।
'नारद पुराण' या 'नारदीय पुराण'
'नारद पुराण' या 'नारदीय पुराण' अट्ठारह महा पुराणों में से एक पुराण है। इस पुराण के विषय में कहा जाता है कि इसका श्रवण करने से पापी व्यक्ति भी पापमुक्त हो जाते हैं। पापियों का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि जो व्यक्ति ब्रह्महत्या का दोषी है, मदिरापान करता है, मांस भक्षण करता है, वेश्यागमन करता हे, तामसिक भोजन खाता है और चोरी करता है तो वह पापी है।
अट्ठारह पुराणों में नारद पुराण का क्रम छठवां है
अट्ठारह पुराणों में नारद पुराण का क्रम छठवां है। इस पुराण में 25000 श्लोक थे जिनमें से इस समय 18,110 श्लोक ही उपलब्ध हैं, इस पुराण में व्रत, तीर्थ के विषय में बताया गया है।
मनुष्य की औसत आयु 20 साल कम हो जाएगी
'नारद पुराण' में लिखा है कि 'कलयुग में लोग हमेशा संतों और ब्राह्मणों की आलोचना करेंगे, लोगों में दिखावे की भावना बढ़ जायेगी और पाप कर्म बढ़ जाएंगे, अधर्म बढ़ जाएगा और इसी कारण मनुष्य की औसत आयु कम होकर 20 साल हो जाएगी।'