Nag Panchami 2020: जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और नागों के पूजने का कारण ?
नई दिल्ली। 25 जुलाई दिन शनिवार को नाग पंचमी है, यह त्योहार श्रावण कृष्ण पंचमी और श्रावण शुक्ल पंचमी दोनों तिथियों पर मनाया जाता है। बिहार, बंगाल, उड़ीसा, राजस्थान में लोग कृष्ण पक्ष में यह त्योहार मनाते हैं जबकि देश के बाकी हिस्सों में श्रावण शुक्ल पंचमी को ये पर्व मनाया जाता है।
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नाग पंचमी 2020 शुभ मुहूर्त
- सुबह 5 बजकर 38 मिनट से 8 बजकर 22 मिनट तक (25 जुलाई 2020)।
- अवधि: 2 घंटे 43 मिनट
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महत्व
श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी नाग पूजा के लिए खास मानी गई है। शास्त्र के अनुसार पंचमी तिथि के स्वामी नाग हैं अर्थात् इस दिन नागों का पूजन शुभ होता है।इस दिन पूरे भारत में नागों की पूजा की जाती है, उन्हें दूध पिलाया जाता है। कई जगहों पर सांप के बिल में कुमकुम, हल्दी, चावल, पुष्प से पूजा के बाद दूध अर्पित करने की भी परंपरा है।
क्यों मनाया जाता है नाग पंचमी का त्योहार
नाग पंचमी के खास दिन पूरे उत्तर भारत में नाग देवता के 12 रूपों की पूजा की जाती है। दरअसल सांप इंसान का शत्रु नहीं मित्र है, इसी बताने के लिए नागपंचमी का पर्व मनाया जाता है। भारत एक कृषिप्रधान देश है और सांप हमारे खेतों की रक्षा करते हैं क्योंकि यह फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले चूहों और कीड़ों को खा लेते हैं इसलिए उन्हें 'क्षेत्रपाल' भी कहा जाता है और इसी कारण ये पूजे जाते हैं, यही नहीं लोग सर्प को तीनों लोक के स्वामी भगवान शिव के आभूषण के रूप में देखते हैं इसलिए इनकी पूजा होती है।
नाग देवता से की जाती है प्रार्थना
भगवान विष्णु तो शेषनाग की शैय्या पर विश्राम करते हैं, यह भी एक वजह है नाग पंचमी पर नाग की पूजा करने का लेकिन नाग पंचमी के त्योहार के पीछे सबसे प्रमुख कारण ये है कि सावन के दिनों में बारिश के कारण बहुत सारे जहरीले जीव-जन्तु बिलों से बाहर निकलते हैं, जिसमें एक सांप भी है, ये किसी को नुकसान ना पहुंचाए इसलिए इनकी पूजा करके प्रार्थना की जाती है कि आप हमें और हमारे परिवार को कष्ट ना पहुंचाएं।
सांकेतिक रूप से नाग की पूजा
ऐसा माना जाता है कि नाग पंचमी के दिन नाग का पूजन करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। वर्तमान दौर में असली नाग की पूजा पर शासन-प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगा दिए जाने के बाद अब सांकेतिक रूप से नाग की पूजा की जाती है।
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