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Nag Panchami 2020: जानिए कब है नाग पंचमी और क्या है इसका महत्व?

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन नाग पंचमी मनाई जाती है। नाग पंचमी 25 जुलाई 2020 शनिवार को आ रही है। हिंदू धर्म में नाग को देवता मानकर पूजा जाता है। भगवान शिव अपने गले में वासुकि नाग को आभूषण की तरह धारण करते हैं। नाग पूजा की परंपरा के पीछे मान्यता यह है कि नाग हमें अभयता, निर्भयता प्रदान करते हैं और संकट के समय रक्षा करते हैं। इस दिन नाग को पूजा करके उन्हें दूध पिलाने की परंपरा है। वस्तुत: नाग दूध नहीं पीते, यह एक सांकेतिक परंपरा है, जिसका अर्थ यह है कि हम अपने भीतर बैठे विभिन्न् विकारों रूपी नाग के जहर को मीठा दूध पिलाएं ताकि जहर का असर खत्म हो और हम दूसरों के प्रति मृदु और उदार बनें। प्राचीन काल में सर्पदंश के अनेक मामले सामने आते थे, जिनमें अनेक लोगों की मृत्यु हो जाती थी। रक्षा के लिए लोगों ने नागों की पूजा प्रारंभ की। नाग पंचमी के दिन अष्टनाग की पूजा की परंपरा भी है। ये अष्टनाग हैं अनंत, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख।

खतरों से रक्षा करके अभयता प्रदान करती है नाग पंचमी की पूजा

खतरों से रक्षा करके अभयता प्रदान करती है नाग पंचमी की पूजा

मान्यता के अनुसार नाग पंचमी के दिन नाग का पूजन करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। वर्तमान दौर में असली नाग की पूजा पर शासन-प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगा दिए जाने के बाद अब सांकेतिक रूप से नाग की पूजा की जाती है। इसके लिए घर के मुख्य प्रवेश द्वार पर या घर के पूजा स्थान में नाग का चित्र बनाकर पूजा की जाती है। नाग पंचमी पूजा का मुहूर्त 25 जुलाई को सुबह 5.38 बजे से 8.22 बजे तक रहेगा।

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पूजा विधि

पूजा विधि

  • नाग पंचमी के दिन अनेक परिवारों में व्रत रखा जाता है।
  • इस दिन घर में तवा नहीं चढ़ाया जाता है। यानी रोटी नहीं बनती।
  • पूजा करने के लिए नाग के चित्र या मिट्टी की सर्प मूर्ति बनाकर इसे लकड़ी की चौकी पर स्थापित किया जाता है।
  • हल्दी, रोली, चावल और पुष्प चढ़कर नाग देवता की पूजा की जाती है।
  • कच्चे दूध में घी और शक्कर मिलाकर नाग देवता को अर्पित किया जाता है।
  • पूजन करने के बाद सर्प देवता की आरती उतारी जाती है।
  • नाग पंचमी की कथा सुनी जाती है।
  • इस दिन अनेक सपेरे नाग लेकर घूमते हैं, लेकिन कई राज्यों में नाग को पकड़ने पर प्रतिबंध होने के कारण अब ये कम ही दिखाई देते हैं।
नाग पूजा के लाभ

नाग पूजा के लाभ

  • नाग की पूजा से जन्मकुंडली में मौजूद नाग दोष से मुक्ति मिलती है।
  • कुंडली में बने कालसर्प दोष की शांति होती है।
  • नाग पंचमी के दिन यदि कोई व्यक्ति कालसर्प शांति पूजा करवाए तो दोष शांत होता है।
  • जन्म कुंडली में बुरे प्रभाव दे रहे राहू की शांति होती है।

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English summary
Nag Panchami is a traditional worship of snakes or serpents observed by Hindus throughout India. The worship is offered on the fifth day of bright half of Lunar month of Shravan according to the Hindu calendar.
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