Nag Panchami 2018: सर्प विषैले, फिर क्यों होती है नागपंचमी पर इनकी पूजा?
नई दिल्ली। हर साल सावन के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नागपंचमी का त्योहार मनाया जाता है, इस बार 15 अगस्त को ये पर्व है। इस दिन खासकर उत्तर भारत में नाग देवता के 12 रूपों की पूजा की जाती है। अब सवाल ये उठता है कि सांप विषैले होते हैं और इंसान के लिए घातक होते हैं, ऐसे में इनकी पूजा क्यों की जाती है तो इसका जवाब पुराणों में मिलता है, जिसमें कहा गया है कि सर्प भगवान शिव के गले का गहना है, इनकी पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं इसलिए अगर शिव को खुश करना है तो नाग देवता की पूजा करनी चाहिए।
मां लक्ष्मी की रक्षा करते हैं..
मान्यता ये भी है कि सांप धन की देवी मां लक्ष्मी की भी रक्षा करते हैं, अक्सर सांप गुप्त धन की रक्षा करते हुए पाए जाते हैं, इसलिए कहा जाता है कि सर्प के रहते लक्ष्मी को कोई नुकसान नहीं होता है, वैसे भी शेषनाग की शैय्या पर लक्ष्मी के पति श्री विष्णु जी विश्राम करते हैं, ऐसे में सर्प मां लक्ष्मी के लिए काफी प्रिय हैं इसलिए हमारे यहां सर्प की पूजा की जाती है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी जातक पर प्रसन्न होती है और उसके पास कभी भी आर्थिक कष्ट नहीं होता है।
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भगवान कृष्ण का आशीर्वाद
नागपंचमी को लेकर एक कहानी यह भी प्रचलित है कि भगवान कृष्ण ने उन्हें यह वरदान दिया था कि जो भी जातक नाग देवता को दूध पिलाएगा, उसे जीवन में कभी कष्ट नहीं होगा और उसका वैभव-सुख कभी भी खत्म नहीं होगा।
ऐसे करें पूजा
- प्रातः उठकर घर की सफाई कर नित्यकर्म से निवृत्त हो जाएं।
- साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजन के लिए सेंवई-चावल आदि ताजा भोजन बनाएं।
- इसके बाद दीवार पर गेरू से नाग देवता का चित्र बनाएं
- कुछ जगहों पर 5 फन वाले नाग का चित्र दरवाजे पर बनाकर पूजा जाता है।
- संभव हो तो नागों की बांबी में एक कटोरी दूध चढ़ाइए।
- अगर नहीं तो दीवार या दरवाजे पर बनए गए नागदेवता को दूध या सेवईं या खीर का भोग लगाइए।
- इसके बाद आरती कीजिए और प्रसाद बांटिए।
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