क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Nag Panchami 2018: कालसर्प दोष से मुक्ति देती है नागपंचमी की पूजा

By Pt. Gajendra Sharma
Google Oneindia News

नई दिल्ली। श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नागपंचमी मनाई जाती है। इस श्रावण माह में नागपंचमी 15 अगस्त बुधवार को आ रही है। सनातन धर्म में नागों की पूजा का विशेष महत्व है। वेदों, पुराणों में नागों को सम्माननीय और पूजनीय स्थान प्राप्त है। नागों का संबंध हमारे देवी-देवताओं से भी रहा है इसलिए भी ये पूजनीय है भगवान शंकर जहां नाग को अपने गले में धारण किए रहते हैं वहीं भगवान विष्णु की शैया ही शेषनाग है। स्कंदपुराण के अनुसार श्रावण शुक्ल पंचमी के दिन नाग पूजा करने से नागदेवता की के काटे जाने का भय नहीं रहता। साथ ही किसी भी जहरीले जीव-जंतु से कभी कोई खतरा नहीं रहता। नाग पूजा करने से भगवान शिव की कृपा भी प्राप्त होती है। इतना ही नहीं जन्म कुंडली में मौजूद कालसर्प दोष, सर्प दोष और अनिष्ट ग्रहों की शांति भी नाग पंचमी की पूजा से होती है। नागपंचमी के दिन अनंत, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट एवं शंख इन आठ नागों की पूजा की जाती है।

 नागपंचमी पर कैसे करें पूजा

नागपंचमी पर कैसे करें पूजा

प्राचीन काल से असली नागों की पूजा करने का विधान रहा है, लेकिन अब पशु संरक्षण अधिनियम के तहत सांपों को पकड़ना कानूनन अपराध की श्रेणी में आ गया है इसलिए सपेरे अब नागों को पूजन के लिए लेकर नहीं आते। इसलिए घर में ही सर्प पूजा कर लेना चाहिए। इसके लिए प्रातः स्नानादि से निवृत्त होने के बाद अपने पूजा स्थान में बैठकर भगवान शिव की मूर्ति या तस्वीर के सामने तांबे के पूजा पात्र में चांदी या तांबे के नाग का जोड़ा रखकर उसे पहले गंगाजल, फिर कच्चे दूध और फिर गंगाजल से स्नान करवाएं। इसके बाद कपड़े से पोंछकर पूजा स्थान में विराजित करें। नाग पर चंदन का टीका लगाएं। सफेद पुष्प चढ़ाएं और कच्चे दूध का भोग लगाएं। इसके बाद महामृत्युंजय मंत्र की एक माला जाप करें।

यह भी पढ़ें: सावन विशेष: गंगा मां खुद आकर यहां कराती हैं भगवान दशाश्वमेघश्वर महादेव को स्नानयह भी पढ़ें: सावन विशेष: गंगा मां खुद आकर यहां कराती हैं भगवान दशाश्वमेघश्वर महादेव को स्नान

क्या लाभ है नागपंचमी पूजा से

क्या लाभ है नागपंचमी पूजा से

यदि आपकी जन्मकुंडली में कालसर्प दोष है तो नागपंचमी के दिन भगवान शिव का अभिषेक करते हुए चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा शिवलिंग पर अर्पित करें और अभिषेक समाप्त होने के बाद उसे तांबे के पात्र में विसर्जित करें। उस पात्र को अभिषेक कराने वाले पंडित को दान में दे दें। इससे कालसर्प दोष की शांति होती है।

कालसर्प दोष से मुक्ति

कालसर्प दोष से मुक्ति

  • नागपंचमी के दिन 11 नारियल बहते पानी में प्रवाहित करने से भी कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
  • नागपंचमी के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे मिट्टी के बर्तन में दूध रखें। इससे कुंडली के सर्प दोष से मुक्ति मिलती है। राहु-केतु की शांति होती है।
  • नागपंचमी की पूजा से पितृदोष शांत होता है। इस दिन गरीबों को वस्त्र और भोजन दान करना चाहिए।

यह भी पढ़ें: Nag Panchami 2018: जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्वयह भी पढ़ें: Nag Panchami 2018: जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

Comments
English summary
Nag Panchami is offered on the fifth day of bright half of Lunar month a of Shravan, Rare day with Kal Sarp Yog formation on the same day.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X