पुण्यदायी माघ माह में गुरु-पुष्य संयोग आज, 6 घंटे 22 मिनट रहेगा पर्वकाल
नई दिल्ली। माघ माह पवित्र नदियों में स्नानादि करने और व्रत-जप, संकल्प, दान आदि करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माह होता है। माघ स्नान बहुत से लोग कर भी रहे हैं। ऐसे में इस माह में गुरु-पुष्य का शुभ संयोग आना अत्यंत शुभ फलप्रद दिन है। आज गुरु-पुष्य संयोग की त्रयोदशी तिथि है। इस दिन प्रात: 6.56 बजे से दोपहर 1.18 बजे तक गुरु-पुष्य का पर्वकाल रहेगा। यह एक तरह से अबूझ मुहूर्त भी कहा जा सकता है।
यदि आप कोई शुभ कार्य करना चाहते हैं, भूमि, संपत्ति, स्वर्णाभूषण आदि खरीदना चाहते हैं तो इस दिन से श्रेष्ठ और कोई दिन नहीं। इस दिन पंचांग के पांचों अंग तिथि, वार, योग, नक्षत्र, करण सभी शुद्ध हैं। इस दिन स्वराशि कर्क का चंद्र और कुंभ का सूर्य भी इस दिन को सर्वश्रेष्ठ बना रहे हैं। योग शोभन और करण तैतिल है।
क्या करें
- गुरु-पुष्य के दिन किया गया कार्य स्थायी होता है। इसलिए शुभ कार्य करने, खरीदी करने के लिए यह दिन सर्वोत्तम होता है।
- इस दिन भूमि, भवन, संपत्ति, वाहन, स्वर्ण, चांदी, हीरे, जवाहरात, आभूषण आदि खरीदने से उनमें कभी कमी नहीं होती, वह बढ़ता जाता है।
- गुरु-पुष्य नक्षत्र के दिन नया व्यापार-व्यवसाय प्रारंभ करना, नई नौकरी प्रारंभ करना आदि करना शुभ रहता है।
- यदि आवश्यक हो और कोई शुभ मुहूर्त न हो तो गुरु-पुष्य में सगाई, विवाह आदि मांगलिक कार्य भी करने के निर्देश शास्त्रों में मिलते हैं।
- नवरत्न धारण करने के लिए गुरु-पुष्य का संयोग उत्तम होता है। इस दिन किसी भी ग्रह का रत्न धारण किया जा सकता है।
- जिन युवक-युवतियों के विवाह में बाधा आ रही है, वे गुरु-पुष्य के दिन केले के पेड़ की जड़ को निकालकर उसे गंगाजल से धोकर हल्दी में लपेटकर पीले कपड़े में बांधकर अपने पास रखें तो विवाह की बाधा दूर होती है।
- जन्मकुंडली में बृहस्पति बुरे प्रभाव दे रहा हो तो इस दिन सवा किलो चने की दाल में सवा सौ ग्राम हल्दी की गांठ रखकर विष्णु भगवान के मंदिर में दान करें।
- इस दिन गुरु का रत्न पुखराज धारण करने से बृहस्पति से जुड़े अशुभ प्रभाव दूर होते हैं।
- गुरु पुष्य के दिन स्वर्ण का जल तुलसी में अर्पित करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। तुलसी का पौधा भी हरा-भरा हो जाता है।
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