माघ पूर्णिमा: श्रद्धालुओं ने हरिद्वार और प्रयागराज में लगाई आस्था की डुबकी, मिलेगा सहस्रकोटि पुण्य फल
हरिद्वार/प्रयागराज। आज माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा है। आज के दिन श्रद्धालु बड़ी संख्या में हरिद्वार और प्रयागराज समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगा रहे है। हरिद्वार और प्रयागराज जिले में गंगा स्नान करने के लिए शुक्रवार से ही लोगों का जन सैलाव पहुंचने लगा था। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा खासी व्यवस्था की गई थी। श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए छोटी-बड़ी पार्किंग बनाई गई थी। इसके साथ ही गंगा के प्रमुख घाटों के साथ मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई। तो वहीं, माघ पूर्णिमा के मेले को देखते हुए खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट मोड पर है।
Recommended Video
माघ पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने के लिए आए श्रद्धालुओं की भीड़ के आगे कोरोना संक्रमण को लेकर किए गएसारे इंतजाम भी ध्वस्त हो गए। प्रयागराज में मेला स्थान के दौरान जगह-जगह लगे थर्मल स्केनिंग शो पीस साबित हुए। तो वहीं, सामाजिक दूरी का पानल भी नहीं कराया जा सका। हालांकि, कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। स्नान पर्व को देखते हुए इस बार भी संगम समेत गंगा के सभी आठ स्नान घाटों पर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी रोक दी गई है। ड्रोन से स्नान घाटों समेत पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। देर रात आरएएफ, पीएसी, पुलिस समेत करीब चार हजार जवानों ने मेला क्षेत्र में सुरक्षा का जिम्मा संभाल लिया था।
होती
है
पुण्य
फलों
की
प्राप्ति
कहते
है
कि
आज
के
दिन
पवित्र
नदियों
में
स्नान
कर
दान
देने
से
पुण्य
फलों
की
प्राप्ति
होती
है।
वैसे
तो
साल
में
12
पूर्णिमा
तिथियां
होती
हैं,
जिसमें
पूर्ण
चंद्रोदय
होता
है
लेकिन
माघ
महीने
की
पूर्णिमा
का
अपना
अलग
महत्व
है।
विष्णु
पुराण
में
भगवान
विष्णु
ने
माघ
माह
को
मासोत्तम
मास
की
संज्ञा
दी
है।
अर्थात्
सभी
मास
में
माघ
मास
सवोत्तम
होता
है।
इसलिए
काम्य
संकल्प
के
साथ
यदि
इस
पूरे
माह
स्नान-व्रतादि
किए
जाएं
तो
सर्वत्र
लाभ
प्राप्त
होता
है।
अब
पूरा
माघ
माह
बीतने
को
है,
अनेक
लोगों
ने
पूरे
माह
माघ
स्नान
किया
भी
होगा,
लेकिन
जो
पूरे
माह
इससे
वंचित
रह
गए,
वे
माघ
पूर्णिमा
के
दिन
स्नान
करके
पूरे
माह
का
पुण्य
प्राप्त
कर
सकते
हैं।
गंगा
स्नान
का
बड़ा
महत्व
मान्यता
है
कि
आज
भी
प्रत्येक
माघी
पूर्णिमा
पर
श्रीहरि
विष्णु
स्वयं
किसी
न
किसी
रूप
में
गंगा
स्नान
करने
अवश्य
आते
हैं।
इसलिए
इस
दिन
गंगा
स्नान
का
बड़ा
महत्व
होता
है।
इस
दिन
हरिद्वार,
प्रयागराज
आदि
जगहों
पर
मेले
आयोजित
होते
हैं।
इनके
अलावा
नर्मदा,
यमुना,
शिप्रा,
गोदारी
समेत
अन्य
पवित्र
नदियों
के
तट
पर
भी
लाखों
श्रद्धालु
पवित्र
स्नान
करने
पहुंचते
हैं।
इसके
साथ
ही
दान-पुण्य
भी
किया
जाता
है।
आसपास
नदी
न
हो
तो
क्या
करें?
माघ
पूर्णिमा
पर
प्रत्येक
आस्तिक
परंपरानुसार
पवित्र
नदियों
में
स्नान
करना
चाहता
है,
लेकिन
हर
किसी
के
आसपास
पवित्र
नदियां
नहीं
होती
और
हर
कोई
गंगा
आदि
नदियों
के
तट
पर
नहीं
पहुंच
पाता।
तो
ऐसे
में
क्या
किया
जाए।
इस
स्थिति
में
अपने
घर
में
ही
नहाने
के
जल
में
पवित्र
सप्त
नदियों
के
जल
का
आवाहन
करके
और
उसमें
गंगा,
नर्मदा
जल
डालकर
स्नान
किया
जा
सकता
है।
ये भी पढ़ें:- Magh Purnima 2021: पवित्र नदियों में करें स्नान, पाएं सहस्रकोटि पुण्य फल