भगवान जगन्नाथ बीमार, लू के कारण आया जुकाम-बुखार
बैंगलुरू। हैरान हो गये ना आप..लेकिन यह सच है..सबको रोगमुक्त कराने वाले जगन्ननाथ भी बीमार हो गये हैं। उन्हें जुकाम हो गया है इसलिए उन्हें काढ़ा पिलाया जा रहा है । उन्हें स्नान के दौरान लू लग गई है जिसकी वजह से वो बुखार की चपेट में है।
सिर्फ पुरी नहीं रायपुर में भी 500 साल से निकल रही जगन्नाथ यात्रा
इससे पहले कि आप और ज्यादा कन्फ्यूज हों, हम बता देते हैं कि आखिर मामला क्या है, दरअसल हर साल ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा के दिन जगन्नाथ स्वामी बीमार पड़ जाते हैं जिसके कारण वो आने वाले 15 दिनों तक अपने भक्तों को दर्शन नहीं देते हैं। उनके कपाट बंद रहते हैं और इन दिनों वो आराम करते हैं।
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भगवान जगन्नाथ बीमार, लू के कारण आया जुकाम-बुखार
उन्हें 15 दिनों तक केवल लौंग, इलायची, चंदन, जायफर, कालीमिर्च और तुलसी से तैयार किया काढ़ा दिया जाता है। 15 दिनों बाद उन्हें परवल का जूस दिया जाता है जिससे कि वो पूरी तरह से स्वस्थ हो जायें। वो दिन अमावस्या का होता है। तब भगवान को राजसी वस्त्र पहनाकर भक्तों के सामने लाया जाता है और रथ यात्रा का प्रारंभ होता है।
चार धाम में से एक जगन्नाथ धाम
पुरी का श्री जगन्नाथ मंदिर को हिन्दुओं के चार धाम में से एक गिना जाता है। यह वैष्णव सम्प्रदाय का मंदिर है, जो भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है। इस मंदिर का वार्षिक रथ यात्रा उत्सव प्रसिद्ध है। इसमें मंदिर के तीनों मुख्य देवता, भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भ्राता बलभद्र और भगिनी सुभद्रा तीनों, तीन अलग-अलग भव्य और सुसज्जित रथों में विराजमान होकर नगर की यात्रा को निकलते हैं।