हर मुश्किल हर लेते हैं गणपति बप्पा, जानिए उनके बारे में
नई दिल्ली। अगर आप मानसिक रूप से व्यथित हैं, या फिर बहुत मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं पा रहे हैं तो आज से ही भगवान गणेश की पूजा आरंभ कर दीजिए। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहते हैं, दुनिया में हर समस्या का निवारण इनके पास होता है, ये अकेले ऐसे भगवान हैं, जो घर के पूजा स्थल से लेकर घर के हर कोने में विराजमान रहते हैं।
'ऊॅं गणेश ऋणं छिन्धि वरणयं हुं नमः' का जाप करें
धर्म के मुताबिक गणेशजी को केतु के रूप में जाना जाता है, केतु एक छाया ग्रह है, जो राहु नामक छाया ग्रह से हमेशा विरोध में रहता है, बिना विरोध के ज्ञान नहीं आता है और बिना ज्ञान के मुक्ति नहीं है। ये विघ्नहर्ता हैं क्योंकि इनके पास हर समस्या का निवारण है। अगर कर्ज से दबे हैं तो 'ऊॅं गणेश ऋणं छिन्धि वरणयं हुं नमः' का जाप करें, तुरंत मुक्ति मिलेगी।
तो इसलिए गणेश जी की पूजा सबसे पहले होती है
गणेश को जन्म न देते हुए माता पार्वती ने उनके शरीर की रचना की। उस समय उनका मुख सामान्य था। माता पार्वती के स्नानागार में जाने लगी तो उन्होंने गणेश जी को घर की पहरेदारी करने का आदेश दिया। माता ने कहा कि जब तक वह स्नान कर रही हैं तब तक के लिये गणेश किसी को भी घर में प्रवेश न करने दे।
इसलिए सर्वप्रथम गणेश की पूजा होती है
तभी द्वार पर भगवान शंकर आए और बोले "पुत्र यह मेरा घर है मुझे प्रवेश करने दो।" गणेश के रोकने पर प्रभु ने गणेश का सर धड़ से अलग कर दिया। गणेश को भूमि में निर्जीव पड़ा देख माता पार्वती व्याकुल हो उठीं। तब शिव को उनकी त्रुटि का बोध हुआ और उन्होंने गणेश के धड़ पर गज का सर लगा दिया। उनको प्रथम पूज्य का वरदान मिला इसलिए सर्वप्रथम गणेश की पूजा होती है।
कार्यों में बाधा
जब समस्त कार्यों में बाधा आने लगे। ऐसा लगे कि चलते काम अटक रहे हैं और जीवन में प्रत्येक कार्य होते-होते रूक जाए तब ऊँ विघ्नेश्वराय नमः का रोज जप करें।
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