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Lohri 2021: जानिए कौन थे 'दुल्ला भट्टी', जिनके बिना लोहड़ी अधूरी है?

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Lohri 2021: 'लोहड़ी' का पर्व पौष के अंतिम दिन यानि माघ संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है। 'लोहड़ी' का अर्थ ल (लकड़ी) +ओह (गोहा = सूखे उपले) +ड़ी (रेवड़ी) = 'लोहड़ी' .. होता है। ये फसलों का त्योहार कहा जाता है क्योंकि इस दिन पहली फसल कटकर तैयार होती है, जिसके लिए उत्सव मनाया जाता है।

 'दुल्ला भट्टी' मुगल काल में पंजाब के निवासी थे

'दुल्ला भट्टी' मुगल काल में पंजाब के निवासी थे

वैसे इस पर्व को 'दुल्ला भट्टी' की कहानी से भी जोड़ा जाता हैं। ऐसा माना जाता है कि 'दुल्ला भट्टी' मुगल काल में पंजाब के निवासी थे। उन्हें पंजाब के नायक की उपाधि से सम्मानित किया गया था। उस समय एक कुप्रथा प्रचलित थी, जिसके तहत संदल बार में अमीर इंसानों को हिंदू लड़कियों को बेचा जाता था। वो अमीर लोग उन लड़कियों को गुलाम बना लेते थे और उनका मानसिक और शारीरिक शोषण करते थे। 'दुल्ला भट्टी' ने इस कुप्रथा को समाप्त किया था और उन्होंने बहुत सारी लड़कियों को गुलामी की जंजीरों से आजाद कराया था।

'महिलाओं के अधिकार के लिए किया बहुत काम'

'महिलाओं के अधिकार के लिए किया बहुत काम'

यही नहीं 'दुल्ला भट्टी' ने आजाद की गई लड़कियों की शादी हिंदू लड़कों से करवाई और उन्हें समाज में सम्मान दिलवाया था। वह सामंती वर्ग से संबंधित थे लेकिन उन्होंने गरीबों के लिए मुगलों से विद्रोह किया था। 'दुल्ला भट्टी' को साल 1599 में मुगलों ने गिरफ्तार करके मार डाला था।

'दुल्ला भट्टी' के लोक गीत गाते हैं

'दुल्ला भट्टी' के लोक गीत गाते हैं

उन्होंने हमेशा महिलाओं के हक के लिए लड़ाई लड़ी इसलिए पंजाब के लोग उन्हें मसीहा के रूप में पूजते हैं । कुछ उपन्यासों में 'दुल्ला भट्टी' को रॉबिन हुड की संज्ञा दी गई है। उन्होंने आग जलाकर अग्नि के फेरे महिलाओं को दिलवाए थे इसलिए 'लोहड़ी' पर्व पर आग जलाकर और चक्कर लगाकर लोग 'दुल्ला भट्टी के लोक गीत गाते हैं। सच कहिए तो उनके बिना लोहड़ी अधूरी है।

एक और कथा प्रचलित

वैसे लोहड़ी के लिए एक और कथ प्रचालित है। कहा जाता है कि दक्ष प्रजापति की पुत्री सती के योगाग्नि-दहन की याद में ही इस पर्व पर अग्नि जलाई जाती है। इस अवसर पर विवाहिता पुत्रियों को मां के घर से 'त्यौहार' (वस्त्र, मिठाई, रेवड़ी, फलादि) भेजा जाता है। यज्ञ के समय अपने जामाता शिव का भाग न निकालने का दक्ष प्रजापति का प्रायश्चित्त ही इसमें दिखाई पड़ता है।

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English summary
Lohri is a popular Punjabi[1] winter folk festival celebrated primarily in the Punjab region. Here is its Importance, UnKnown facts and Dulla Bhatti Katha.
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