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Kartik Snan 2020: 31 अक्टूबर से 30 नवंबर तक कार्तिक स्नान, जानिए इस दौरान क्या करें और क्या ना करें

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। हिंदू धर्म में कार्तिक माह का विशेष महत्व है। पुरुषोत्तम मास की तरह ही कार्तिक माह भी अत्यंत पवित्र और भगवान विष्णु की विशेष कृपा वाला होता है। पूरे कार्तिक माह में व्रत, तप, दान-पुण्य, पवित्र नदियों में स्नान आदि का खास महत्व होता है। कार्तिक माह भगवान विष्णु और शिव दोनों को अत्यंत प्रिय है। इस माह के बारे में शास्त्रों में यहां तक कहा गया है कि जो मनुष्य कार्तिक माह में व्रत, तप, मंत्र जप, दान-पुण्य और दीपदान करता है वह जीवित रहते हुए पृथ्वी पर समस्त सुखों का भोग करता है और मृत्यु के पश्चात बैकुंठ में निवास करता है। इस वर्ष कार्तिक माह 1 नवंबर 2020 रविवार से प्रारंभ हो रहा है, लेकिन कार्तिक स्नान आश्विन पूर्णिमा 31 अक्टूबर से प्रारंभ होकर कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर 2020 तक चलेगा।

 31 अक्टूबर से 30 नवंबर तक कार्तिक स्नान, जानिए महत्व

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कार्तिक स्नान और व्रत का महत्व

पूरे कार्तिक माह में सूर्योदय से पूर्व तारों की छाया में स्नान करने और सायंकाल में तारों की छाया में भोजन करने का विशेष महत्व होता है। इसे तारा स्नान और तारा भोजन कहा गया है। अर्थात् प्रात: आकाश में तारों की उपस्थिति में स्नान और सायंकाल में आकाशमंडल में तारे उदित होने के बाद भोजन। पुराणों में इस तरह के स्नान को पापों से मुक्त करने वाला और कई पवित्र स्नानों के बराबर फल देने वाला बताया गया है। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने की भी मान्यता है। इससे समस्त प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। कार्तिक माह में प्रतिदिन सूर्योदय पूर्व और संध्याकाल में किया गया स्नान एक हजार बार गंगा स्नान के बराबर फल देने वाला माना गया है।

कार्तिक व्रत का उजमना कैसे करें

कार्तिक मास के प्रारंभ से लेकर पूर्ण माह तक व्रत करते हैं। प्रतिदिन रात्रि में तारों को अ‌र्घ्य देकर भोजन करते हैं। व्रत के अंतिम दिन उजमना करते हैं। उजमना में पांच सीधे, पांच सुराही किसी ब्राह्मण को दान दिए जाते हैं। एक साड़ी-ब्लाउज पर रुपये रखकर सास के चरण स्पर्श करके देना चाहिए।

कार्तिक माह में क्या करें

  • कार्तिक माह में भगवान विष्णु की प्रिय तुलसी में प्रतिदिन प्रात:काल जल अर्पित करने और सायंकाल में तुलसी के समीप दीप प्रज्जवलित करने से घर-परिवार में समस्त प्रकार के सुखों का भंडार भरता है।
  • कार्तिक माह में पवित्र नदियों में स्नान करना अत्यंत मोक्षदायी होता है। इससे जाने-अनजाने में किए गए पापों का प्रायश्चित होता है और मृत्यु पश्चात मोक्ष प्राप्त होता है।
  • कार्तिक माह में मंत्र जाप का प्रभाव सामान्य दिनों की अपेक्षा करोड़ों गुना अधिक मिलता है। जो व्यक्ति किसी कार्य विशेष की पूर्ति के लिए मंत्र सिद्ध करना चाहते हैं वे इस माह में नियम से मंत्र जाप करें।
  • इस पूरे माह गायत्री मंत्र का जाप समस्त सुखों की प्राप्ति करवाता है। साहस, निडरता, बुरी नजरों से मुक्ति और जन्मकुंडली के समस्त दोषों के निवारण के लिए कार्तिक माह में गायत्री मंत्र का जाप अवश्य करें।
  • कार्तिक माह भगवान विष्णु का प्रिय माह है इसलिए उनकी पूजा-अर्चना से मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है। धन-संपत्ति की प्राप्ति और भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए प्रतिदिन विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें।
  • मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कार्तिक माह में श्रीसूक्त के पाठ भी किए जाते हैं।
  • इस माह में अपने तन-मन के साथ अपने आसपास के परिवेश को भी साफ-स्वच्छ रखना चाहिए। इससे लक्ष्मी प्रसन्न होती है।
  • कार्तिक माह भगवान शिव का भी प्रिय माह है। बीमारियों से मुक्ति, लंबी आयु और निरोगी दीर्घ जीवन के लिए इस पूरे माह भगवान शिव का जल से अभिषेक करना अत्यंत शुभ रहता है।

इन खास नियमों का पालन करें

  • यदि आप पूरे कार्तिक माह में व्रत करते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
  • इस पूरे माह किसी दूसरे का दिया हुआ भोजन न करें। भोजन एक बार सायंकाल में तारे निकलने के बाद ही करें।
  • पूरे माह ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए मन, वचन और कर्म की शुद्धता रखें।
  • व्रती को पूरे माह रात्रि में धरती पर शयन करना चाहिए।
  • इस माह में लौकी, गाजर, नाशपाती, उड़द दाल, मूंग दाल, चना दाल, मटर खाने से बचना चाहिए।
  • पूरे माह सात्विक भोजन करें। अधिक तला, मसालेदार, मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन न करें।
  • झूठ बोलना, चोरी करना, पाप कर्म करना, क्रोध करना निषेध है।

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English summary
Kartik Snan 2020 starts on October 31, Saturday and ends on November 30,here is Importance and Do and Dont.
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