Kartik Purnima 2021: कार्तिक के महीने में कैसे करें मां तुलसी की पूजा?
नई दिल्ली, 16 नवंबर। कार्तिक के महीने को देव माह के नाम से संबोधित किया जाता है क्योंकि यह पूरा महीना पूजा-पाठ का होता है। इस बार कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर को है। माना जाता है कि अगर इस पूरे महीने मां तुलसी की पूजा की जाए तो घर के अंदर सुख-वैभव पनपता है और इसी कारण भक्त लोग पूरे कार्तिक माह में तुलसी के पौधे के आगे दीपक जलाते हैं। कहते हैं मां तुलसी के अंदर लक्ष्मी का वास होता है और उनकी पूजा करने से माता लक्ष्मी भी अपने भक्तों पर कृपा बनाएं रखती हैं।
नहीं तुलसी माता भगवान श्रीकृष्ण की भी काफी प्रिय हैं इसलिए कार्तिक माह में तुलसी जी की पूजा करने से प्रभु श्रीकृष्ण भी काफी प्रसन्न होते हैं और जिस पर भगवान श्रीकृष्ण की कृपा हो जाए, उसका तो कोई भी बाल-बांका नहीं कर सकता है।
कैसे करें तुलसी पूजन
- अपने घर के आंगन, बालकनी या फिर छत पर तुलसी का पौधा ले आएं।
- फिर उनके गमले पर स्वास्तिक की आकृति बनाएं।
- उनकी कुमकम-हल्दी से पूजा करें।
- फिर उनकी आरती करें और जल चढ़ाएं ।
- फिर उनकी परिक्रमा करें।
- इसके बाद उनसे क्षमा याचना करें और घर-परिवार पर कृपा बनाएं रखने की प्रार्थना करें।
मां तुलसी को प्रसन्न करने के लिए करें इस मंत्र का जाप
- वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।
- पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।
- एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।
- य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।
- मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणीॉ नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते ।।
- महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते..
- ॐ सुभद्राय नमः
तुलसी आरती
- जय जय तुलसी माता
- सब जग की सुख दाता, वर दाता
- जय जय तुलसी माता ।।
- सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर
- रुज से रक्षा करके भव त्राता
- जय जय तुलसी माता।।
- बटु पुत्री हे श्यामा, सुर बल्ली हे ग्राम्या
- विष्णु प्रिये जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता
- जय जय तुलसी माता ।।
- हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वन्दित
- पतित जनो की तारिणी विख्याता
- जय जय तुलसी माता ।।
- लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में
- मानवलोक तुम्ही से सुख संपति पाता
- जय जय तुलसी माता ।।
- हरि को तुम अति प्यारी, श्यामवरण तुम्हारी
- प्रेम अजब हैं उनका तुमसे कैसा नाता
- जय जय तुलसी माता ।।