Kartik Purnima 2020: कार्तिक पूर्णिमा आज ,जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
Kartik Purnima Muhurut Time: आज कार्तिक मास की सबसे बड़ी पूर्णिमा है, सुबह से काशी-प्रयाग में लोग आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। ईश्वर का महीना माने जाने वाले कार्तिक में दान, धर्म, जप, तप, दीपदान का खास महत्व है लेकिन जो लोग पूरे महीने दान-पुण्य नहीं कर पाए हैं, उन्हें आज के दिन जरूर दान-पुण्य करना चाहिए। जो लोग ऐसा करते हैं उनके सारे कष्टों का निवारण हो जाता है। कार्तिक पूर्णिमा को 'देव दीवाली' भी कहा जाता है। इस दिन दीपदान का बड़ा महत्व है। कहा जाता है इससे अक्षय पुण्यफलों की प्राप्ति होती है और भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त होने से धन-संपत्ति के भंडार भर जाते हैं।
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आइए जानते हैं कि पूजा का शुभ मुहूर्त
- संध्या पूजा का मुहूर्त - 30 नवंबर
- सोमवार - शाम 5 बजकर 13 मिनट से शाम 5 बजकर 37 मिनट तक
शिव परिवार का पूजन करना चाहिए
भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के अलावा इस दिन कृतिका नक्षत्र में भगवान शिव का विधि-विधान से पूजन करने से व्यक्ति अत्यंत धनवान बनता है और उसकी सात पीढ़ियों तक गरीबी का साया नहीं पड़ता। इस दिन शिव के मंत्रों का जाप व्यक्ति को ज्ञानवान बनाता है। मान्यता है कि इस दिन संध्या के समय प्रदोषकाल में शिव परिवार का पूजन करना चाहिए।
क्या करें
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। अगर संभव ना हो तो घर पर नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें
- फिर भगवान लक्ष्मी नारायण की आराधना करें और उनके समक्ष घी या सरसों के तेल का दीपक जलाकर विधिपूर्वक पूजा करें।
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन यदि आप वर्ष की किसी पूर्णिमा का व्रत नहीं रखते हैं तो कार्तिक पूर्णिमा का व्रत जरूर रखें।
- इस पूरे दिन अन्न् ग्रहण ना करें।
- पूरे दिन व्रत रखकर रात्रि में बछड़ा दान करने से शिव प्रसन्न् होते हैं। इससे वंश वृद्धि होती है।
- उत्तम गुणों वाले, सदाचारी पुत्र-पुत्रियों की प्राप्ति होती है।
- इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करने से समस्त सुखों की प्राप्ति होती है।
- कहा जाता है इससे वाजपेयी यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है।
- अविवाहित युवक-युवतियां, जिनके विवाह में किसी प्रकार की बाधा आ रही हो, वे इस दिन शिव-पार्वती का पूजन करें। शीघ्र विवाह का मार्ग खुलेगा।