क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

संतान की दीर्घ आयु के लिए किया जाता है कजरी पूर्णिमा व्रत

By Pt. Gajendra Sharma
Google Oneindia News

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में बताए गए प्रत्येक व्रत-त्योहार और पर्व का कोई विशेष महत्व होता है। लगभग सभी व्रतों को परिवार की सुख-समृद्धि की कामना से जोड़ा गया है। इनमें से कई व्रत महिलाएं अपने परिवार की समृद्धि के साथ-साथ पति और संतान की लंबी आयु और उनके स्वस्थ जीवन के लिए करती है। ऐसा ही एक व्रत है कजरी पूर्णिमा। यह व्रत श्रावण माह की पूर्णिमा के दिन किया जाता है। मां यह व्रत अपनी संतान की दीर्घ आयु और आरोग्य के लिए करती है। उत्तरप्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में यह व्रत बड़े पैमाने पर किया जाता है।

कैसे किया जाता है कजरी पूर्णिमा व्रत

कैसे किया जाता है कजरी पूर्णिमा व्रत

कजरी पूर्णिमा व्रत की तैयारी श्रावण अमावस्या के नौवें दिन से प्रारंभ हो जाती है। श्रावण शुक्ल नवमी के दिन कजरी नवमी मनाई जाती है। कजरी नवमी के दिन महिलाएं वनों से पेड़ के पत्ते तोड़कर लाती है और उनसे बने पात्रों में मिट्टी भरकर उनमें जौ के दाने बोती है। कई जगह जौ की जगह गेहूं भी बोया जाता है। इन्हें कजरी कहा जाता है। मान्यता है कि जैसे-जैसे जौ के दाने उगते-बढ़ते जाते हैं वैसे-वैसे संतान की आयु में भी वृद्धि होती जाती है। नवमी से पूर्णिमा तक प्रतिदिन इनकी पूजा की जाती है। फिर श्रावण पूर्णिमा के दिन आती है कजरी पूर्णिमा। इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और गाजे-बाजे के साथ जुलूस के रूप में इन पात्रों को सिर पर रखकर नदी या तालाब में विसर्जित करने ले जाती है।

व्रत के लाभ

व्रत के लाभ

  • कजरी पूर्णिमा व्रत करने से परिवार के सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है।
  • संतान की आयु और स्वास्थ्य में उन्न्ति होती है।
  • व्रत के प्रभाव से दांपत्य जीवन में सुख-सौहार्द्र बना रहता है।
  • आर्थिक संकटों से निजात मिलती है।
  • अन्य उपाय क्या करें

    अन्य उपाय क्या करें

    • कजरी पूर्णिमा यानी श्रावण पूर्णिमा का शास्त्रों में बड़ा महत्व बताया गया है। इस पूर्णिमा के दिन धन प्राप्ति का सिद्ध प्रयोग किया जाता है। पूर्णिमा की रात्रि में चांद की चांदनी में एक सूखे नारियल का गोला लेकर उसमें छोटा सा छेद करें। इस छेद में से उबालकर ठंडा किया हुआ मीठा दूध भर दें। छेद को बंद करके चांद की चांदनी में रातभर रखा रहने दें। यह दूध अमृत के समान बन जाता है। जिन लोगों को चंद्र से संबंधित कोई दोष हो तो उसमें आराम मिलता है। मानसिक रोगियों को यह दूध पिलाने से उनकी स्थिति में सुधार होता है।
    • सुख, सौभाग्य, धन, संपत्ति की प्राप्ति के लिए श्रावणी पूर्णिमा की रात्रि में पीपल में पेड़ के नीचे गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं। दीपक में एक पीली कौड़ी डालें। भगवान विष्णु लक्ष्मी से सुख-समृद्धि की कामना करें। शीघ्र ही धन संकट समाप्त होता है।

यह पढ़ें: Raksha Bandhan 2019: एक धागा भाभी के भी नाम...जानिए क्यों? यह पढ़ें: Raksha Bandhan 2019: एक धागा भाभी के भी नाम...जानिए क्यों?

Comments
English summary
Kajari Purnima Falls on the same day as Raksha Bandhan that is on the Shravan Purnima. This festival is mainly celebrated in the Central India that includes Madhya Pradesh, Chattisgarh and part of Uttar Pradesh.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X