क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Jagannath Yatra 2018: रथयात्रा से पहले पुरी के राजा लगाते हैं झाड़ू...

Google Oneindia News

पुरी। जगन्नाथ पुरी की रथयात्रा को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग हर साल उड़ीसा आते हैं और इस यात्रा में रथ को छू कर अपने पापों का अंत करते हैं। इस यात्रा का हर पहलू काफी रोचक है।

देश के चार धामों में से एक पुरी की इस रथ यात्रा के बारे में आइए जानते हैं कुछ खास बातें., जिन्हें जानकर आप बिल्कुल हैरान रह जाएंगे...

रथयात्रा में तीन बड़े रथ निकलते हैं

रथयात्रा में तीन बड़े रथ निकलते हैं

इस रथयात्रा में तीन बड़े रथ निकलते हैं, जिसमें एक श्री जगन्नाथ का, एक उनके बड़े भाई बलराम और एक सुभद्रा का होता है। रथयात्रा के जरिए पूरे शहर का भ्रमण किया जाता है। ये यात्रा मुख्य मंदिर से शुरूहोकर 2 किलोमीटर दूर स्थित गुंडिचा मंदिर पर समाप्त होती है। जहां भगवान जगन्नाथ 7 दिन तक विश्राम करते हैं।

<strong>यह भी पढ़ें: Jagannath Yatra 2018: क्यों जगन्नाथ के साथ निकलते हैं बलराम और सुभद्रा के रथ?</strong>यह भी पढ़ें: Jagannath Yatra 2018: क्यों जगन्नाथ के साथ निकलते हैं बलराम और सुभद्रा के रथ?

हर साल यात्रा के लिए नए रथ का निर्माण होता है

हर साल यात्रा के लिए नए रथ का निर्माण होता है

हर साल यात्रा के लिए नए रथ का निर्माण होता है, जिसका आकार-प्रकार हर वर्ष एक ही जैसा होता है। मूल रूप से रथ के निर्माण के लिए नारियल की लकड़ी का प्रयोग होता है क्योंकि ये हल्की होती है। भगवान जगन्नाथ के रथ का रंग लाल -पीला होता है और यह अन्य रथों से आकार में भी बड़ा होता है।

भगवान जगन्नाथ के रथ में 18 पहिए लगे होते हैं....

भगवान जगन्नाथ के रथ में 18 पहिए लगे होते हैं....

  • भगवान जगन्नाथ के रथ में 18 पहिए लगे होते हैं, जबकि बलराम के रथ में 16 और सुभद्रा के रथ में 14 पहिए होते है। भगवान जगन्नाथ के रथ का नाम नंदीघोष, बलराम जी के रथ का नाम तालध्वज और सुभद्रा के रथ का नाम देवदलन होता है।
  • भगवान जगन्नाथ के रथ की ऊंचाई साढ़े 13 मीटर होती है, रथ के घोड़ों का नाम शंख, बलाहक, श्वेत एवं हरिदाशव है तो वहीं हनुमानजी और नृसिंह का इसके प्रतिक चिन्ह हैं।
  • पुरी के राजा रथयात्रा से पहले लगाते हैं झाड़ू...

    पुरी के राजा रथयात्रा से पहले लगाते हैं झाड़ू...

    रथ को जिस रस्सी से खींचा जाता है, वह शंखचूड़ नाम से जानी जाती है, उसकी भी पूजा की जाती है। पुरी के राजा रथयात्रा से पहले सोने की झाड़ू लेकर मार्ग को साफ करते हैं, जिसके बाद रथ यात्रा आरंभ होती है।

यह भी पढ़ें: Jagannath Yatra 2018: जगन्नाथ मंदिर का ध्वज रोज बदला जाता है, जानिए क्यों?यह भी पढ़ें: Jagannath Yatra 2018: जगन्नाथ मंदिर का ध्वज रोज बदला जाता है, जानिए क्यों?

Comments
English summary
For all the worshipers of Lord Jagannath, the annual Jagannath Rath Yatra is just one day away! The annual Rath Yatra will begin on July 14 i.e., Saturday in the city of Puri in Odisha.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X