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Must Read: नाग-पंचमी से जुड़ी खास बातें
बैंगलुरू। 7 अगस्त को नाग-पंचमी का त्यौहार है। सावन महीने के इस पावन पर्व की काफी मान्यताएं हैं।
आईये जानते हैं इस त्योहार के बारे में खास बातें..
- हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन महीने की शुक्ल पक्ष के पंचमी को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है।
- इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा का विधान है।
- परंपरा है कि इस दिन नाग देवता को दूध पिलाया जाये।
- भारत के कई इलाकों में इस दिन कुश्ती का आयोजन होता है।
- तो कहीं-कहीं इस दिन जानवरों का नदी स्नान किया जाता है।
इस पर्व के बारे में और बातें करेंगे.. जिसे जानने के लिए नीचे की स्लाइडों पर क्लिक कीजिये..
भगवान शंकर के गले का आभूषण
नाग देवता, भगवान शंकर के गले का आभूषण है इसी कारण इसकी पूजा का महत्व है।
महर्षि कश्यप और उनकी पत्नी कद्रू
वेद और पुराणों में नागों का उद्गम महर्षि कश्यप और उनकी पत्नी कद्रू से माना गया है।
शेषनाग
भगवान विष्णु भी शेषनाग की शय्या पर लेटे हैं इसलिए भी इनकी पूजा होती है।
कृषि संपदा के रक्षक
नाग हमारी कृषि संपदा की कृषिनाशक जीवों से रक्षा करते हैं इसलिए इनकी पूजा होती है।
जानिए क्यों होती है नागपंचमी में सर्प की पूजा?
जानिए क्यों होती है नागपंचमी में सर्प की पूजा?
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English summary
Nag Panchami is offered on the fifth day of bright half of Lunar month of Shravan, according to the Hindu calendar. Here are interesting facts about it.
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