जानिए कैलाश-मानसरोवर यात्रा के बारे में खास बातें
नई दिल्ली| देश की सबसे बड़ी और मानक कैलाश-मानसरोवर यात्रा के लिए आवेदन शुरू हो चुके हैं अगर आपको इस यात्रा के लिए आवेदन करना है तो आप वेबसाइट 'केएमवाई डॉट जीओवी डॉट इन' पर लॉग इन कर सकते हैं।
बाबा अमरनाथ धाम की यात्रा- पूर्ण विवरण
मालूम हो कि हिंदू धर्म के लिए खास महत्व रखने वाली मानसरोवर तिब्बत की एक झील है। जो कि इलाके में 320 वर्ग किलोमाटर के क्षेत्र में फैली है। इसके उत्तर में कैलाश पर्वत और पश्चिम में राक्षसताल है। यह समुद्रतल से लगभग 4556 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसकी त्रिज्या लगभग 88 किलोमीटर है और औसत गहराई 90 मीटर।
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मालूम हो कि इस साल कैलाश-मानसरोवर यात्रा लिपुलेख दर्रा और सिक्किम के नाथुला दर्रा से 12 जून से 9 सितंबर के बीच शुरू होगी। इस मार्ग से यात्रा का खर्च प्रति व्यक्ति 1 लाख 60 हजार रुपये है। यह यात्रा 18 जत्थों में होगी जिनमें प्रत्येक में 60 तीर्थयात्री होंगे। आवेदक इस बारे में हेल्पलाइन नंबर 011-24300655 का प्रयोग कर सकते हैं।
क्या है मान्यता?
हिंदू मान्यता के मुताबिक मानसरोवर झील सर्वप्रथम भगवान ब्रह्मा के मन में उत्पन्न हुई थी इसलिए मानसरोवर कहते हैं क्योंकि ये मानस और सरोवर से मिलकर बनी है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है - मन का सरोवर। यहां देवी सती के शरीर का दांया हाथ गिरा था। इसलिए यहां एक पाषाण शिला को उसका रूप मानकर पूजा जाता है।
बौद्ध धर्म-जैन धर्म
बौद्द धर्म और जौन धर्म के लिए भी ये मानक है। बोद्ध धर्म को मानने वाले कहते हैं कि यहीं पर रानी माया को भगवान बुद्ध की पहचान हुई थी तो जैनियों के लिए भी ये पवित्र स्थल है।