क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Inspirational Short Story: इंसानियत ने बनाया गांधी को बापू

By Pt. Gajendra Sharma
Google Oneindia News

नई दिल्ली। भारतीय जनमानस में महात्मा गांधी और उनके सिद्धांतों की छाप इस तरह अंकित है कि उनके जीवन का हर पल किसी ना किसी के लिए प्रेरणा बन जाता है। और हो भी क्यों ना, गांधी जी का पूरा जीवन ही मानव मात्र के लिए समर्पित था। उन्होंने हर मनुष्य के दुख को अपना दुख माना, हर किसी के कष्ट को दिल से महसूस किया और सबसे बड़ी बात, उनके हृदय की करूणा ने हर इंसान को अपने बराबर माना। उनकी महानता कभी उनकी इंसानियत पर हावी नहीं हुई, बल्कि उनके स्वभाव के इसी बड़प्पन ने उन्हें पूरे भारत और कराड़ों भारतीयों के पिता बना दिया।

Inspirational Short Story: इंसानियत ने बनाया गांधी को बापू

आज की कथा से जानते हैं कि गांधी जी के लिए बापू का संबोधन किस तरह सार्थक हुआ-

यह उन दिनों की बात है, जब गांधी जी साबरमती आश्रम में रहा करते थे। आश्रम के अपने नियम थे, जिनका पालन निर्बाध गति से चला करता था। आश्रम की व्यवस्था चाक-चौबंद थी और सुरक्षा के सारे बंदोबस्त थे। इसके बावजूद एक रात कोई चोर आश्रम में घुस आया। चूंकि आश्रम में हर समय ही कोई ना कोई जागा ही रहता था, तो चोर को फौरन ही पकड़ लिया गया। आश्रम के व्यवस्थापक ने रात में गांधी जी को परेशान करना उचित ना समझा। सुबह जब गांधी जी नाश्ता कर सब कामों का जायजा लेने बैठे, तब उन्हें उस चोर की जानकारी दी गई। गांधी जी ने तुरंत ही उस चोर से मिलने की इच्छा प्रकट की।

पूरा आश्रम कभी नहीं सोता

जब तक चोर लाया गया, तब तक गांधी जी ने यह विचार कर लिया कि आश्रम की सुरक्षा व्यवस्था से सभी परिचित हैं, सभी जानते हैं कि पूरा आश्रम कभी नहीं सोता, कोई ना कोई जागता ही रहता है, तब भी यदि कोई व्यक्ति यहां चोरी करने की नीयत से घुस आया, तो शायद वह बहुत ही जरूरतमंद होगा। इसी समय आश्रम के व्यवस्थापक चोर को लेकर उपस्थित हुए। गांधी जी ने चोर की तरफ देखा, सूखा चेहरा, उजड़ा तन-मन, घोर दरिद्रता की मूरत सामने खड़ी थी। बिना क्षण गंवाए गांधी जी ने उससे पूछा- बेटा, तुमने नाश्ता किया? गांधी जी की बात सुनकर वह चोर रो पड़ा और बापू कहता हुआ उनके चरणों में गिर पड़ा। वास्तव में भूख से मजबूर होकर ही वह चोरी करने निकला था। गांधी जी ने सबसे पहले उसे नाश्ता कराया।

सबकी आंखों में आंसू आ गए

आश्रम के सभी लोग इस घटना से हतप्रभ रह गए, सबकी आंखों में आंसू आ गए। व्यवस्थापक ने कहा कि बापू, हम तो उसे चोर मानकर चल रहे थे, इसीलिए हमारे मन में आया ही नहीं कि इसे भूख लगी होगी। हमने तो यह माना कि यह केवल दंड पाने का अधिकारी है, पर आपने उसमें भी इंसान देख लिया, इंसाान का दुख देख लिया। आप वाकई जगत के बापू हैं। तो इस तरह गांधी जी के स्वभाव की, उनके हृदय की विशालता ने उन्हें पूरे भारत का बापू बना दिया।

यह पढ़ें: समय बड़ा बलवान होता है, पढ़ें प्रेरणादायक कहानीयह पढ़ें: समय बड़ा बलवान होता है, पढ़ें प्रेरणादायक कहानी

Comments
English summary
when Theft attempt at Mahatma Gandhi's Ashram, here is Inspirational Short Story.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X