Basant Panchami 2018: आखिर बसंत पंचमी में क्यों पहनते हैं पीले वस्त्र, क्या है इसके पीछे का राज?
नई दिल्ली। आज बसंत पंचमी है, आज का दिन कला और संगीत की देवी मां सरस्वती को समर्पित है। कहते हैं जब तक इंसान को मां सरस्वती का आशीष नहीं मिलता है तब तक वो प्रगति के पथ पर आगे नहीं बढ़ सकता है। इसलिए आज के दिन लोग अपने-अपने घरों में माता की प्रतिमा की पूजा-अर्चना कर रहे हैं। मां सरस्वती की पूजा के वक्त लोग पीले रंग का वस्त्र पहनते हैं और उन्हें पीली मिठाई का भोग लगाते हैं और माता की स्तुति करते हैं।
क्यों होता है पीले रंग का प्रयोग?
बसंत का रंग पीला होता है, इसे देखकर लोगों को खुशी का एहसास होता है, पीला रंग समृद्धि, ऊर्जा, प्रकाश और आशावाद का प्रतीक है, इसलिए बसंत पंचमी का स्वागत पीले रंग से किया जाता है।
पीला भोग
इस दिन ना केवल लोग मां सरस्वती की पीले कपड़े पहनकर अराधना करते हैं बल्कि वो इस दिन मां को पीली चीजों का भोग भी लगाते हैं, जैसे कि मीठे चावल, लड्डू, केसरिया पेड़ा इत्यादि।
क्यों होती है मां सरस्वती की पूजा?
माना जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने सरस्वती से खुश होकर उन्हें वरदान दिया था कि वसंत पचंमी के दिन तुम्हारी ही आराधना की जाएगी। इस कारण हिंदू धर्म में वसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा होती है।
यदि आपका बच्चा पढ़ने में कमजोर है तो ...
यदि आपका बच्चा पढ़ने में कमजोर है तो बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करें और उसके बाद एक पीला धागा बच्चे की बांह में बांध दे, बच्चे की रूचि पढ़ाई में बढ़ जाएगी।
मन शान्त होता है...
मां सरस्वती की पूजा करने से मन शान्त होता है व वाणी में गजब का निखार आता है।
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