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Kartik Snan 2019: जन्म जन्मांतर के पाप नष्ट कर देता है कार्तिक स्नान

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के प्रिय माह कार्तिक का धार्मिक महत्व बहुत ज्यादा है। इस माह में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए अनेक कार्य किए जाते हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है कार्तिक स्नान। कार्तिक माह में स्नान, दान, दीपदान और प्रतिदिन कार्तिक महात्म्य की कथा सुनने का बड़ा महत्व बताया गया है। शास्त्रों में कार्तिक स्नान का वर्णन करते हुए लिखा है कि इस पूरे माह सूर्योदय से पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से अक्षय पुण्य फल की प्राप्ति होती है। इससे करोड़ों राजसूय यज्ञ का फल मिलता है और जन्म जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते हैं। इस वर्ष कार्तिक स्नान 13 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 12 नवंबर तक चलेगा।

कार्तिक माह में विष्णु पूजा

कार्तिक माह में विष्णु पूजा

कार्तिक माह में भगवान विष्णु की पूजा का सर्वाधिक महत्व बताया गया है। इस माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार माह के शयनकाल से जागते हैं और वे अपने साधकों को शुभ फल प्रदान करते हैं। इसलिए यह माह धार्मिक और शास्त्रीय मान्यताओं के लिहाज से महत्वपूर्ण है। कार्तिक माह में भगवान विष्णु की पूजा साधकों को पापों से मुक्ति प्रदान कर बैकुंठ धाम पहुंचने का मार्ग खोलती है। इससे धन-संपत्ति, सुख, सम्मान की प्राप्ति होती है।

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कैसे करें कार्तिक स्नान

कैसे करें कार्तिक स्नान

कार्तिक माह के बारे में कहा जाता है कि सभी तीर्थों और पवित्र नदियों में स्नान करने से जो पुण्य प्राप्त होता है, वह केवल कार्तिक माह में स्नान करने से मिल जाता है। पद्म पुराण के अनुसार कार्तिक माह में किए गए स्नान का फल एक हजार बार गंगा में किए स्नान के बराबर प्राप्त होता है। कार्तिक स्नान आश्विन पूर्णिमा से प्रारंभ होकर कार्तिक पूर्णिमा तक किया जाता है। इसके लिए प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में उठा जाता है, जब आकाश में तारे आच्छादित होते हैं। ऐसे पवित्र और शुभ समय में जागकर पवित्र नदी या कुएं पर स्नान किया जाता है। यदि आपके शहर, गांव में नदी, कुआं नहीं हो तो जल में पवित्र नदियों का जल डालकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु लक्ष्मी की विधिवत पूजा करना चाहिए। इस माह में तारा भोजन का महत्व बताया गया है। यानी प्रातः तारों की छाया में स्नान करके दिनभर निराहार रहते हुए रात्रि में आसमान में तारे उदित होने पर भोजन किया जाता है। दिन भर निराहार रहते हुए भगवान विष्णु के मंत्रों या नाम का जाप करते रहना चाहिए।

 दीप दान का महत्व

दीप दान का महत्व

कार्तिक माह में दीपदान से आयु और आरोग्य की प्राप्ति होती है। इस माह में विभिन्न मंदिरों में दीपमालाएं लगाई जाती है। शिव, चंडी, सूर्य तथा अन्य देवों के मंदिरों में दीप जलाने तथा प्रकाश करने से जीवन का अंधकार दूर होता है। गंगा, नर्मदा आदि पवित्र नदियों में दीप छोड़े जाते हैं। इससे यम की पीड़ा से मुक्ति मिलती है।

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English summary
commencement of Kartik month, the devotees starts performing religious ceremonies, take bath in the holy river, observe fasts and worship all the gods and goddess with full faith and devotion.
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