क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

सावधान! किसी का जूठा खाएंगे तो उसका दुर्भाग्य भी आपके साथ लग जाएगा

By Pt. Gajendra Sharma
Google Oneindia News

नई दिल्ली। हिंदू सनातन परंपरा जितनी प्राचीन है उतनी ही अधिक यह वैज्ञानिक भी है। हिंदू धर्म शास्त्रों में वर्णित बातें आज भी विज्ञान की कसौटी पर खरी उतरती है। चाहे वह कोई पूजा पद्धति हो, पौधों और पशु-पक्षियों की देखभाल करने की बात हो या फिर अन्य कोई नियम। हम बात कर रहे हैं भोजन करने की पद्धति की। वर्तमान परिदृश्य में कोरोना वायरस चल रहा है, जिसे रोकने का सबसे कारगर तरीका है एक-दूसरे से शारीरिक दूरी बनाकर रखना, एक-दूसरे की छुई हुई वस्तुओं का इस्तेमाल न करना, किसी दूसरे का जूठा भोजन नहीं करना और जूठा पानी नहीं पीना।

जूठा भोजन नहीं करना चाहिए

जूठा भोजन नहीं करना चाहिए

हिंदू धर्म शास्त्र प्राचीन काल से जूठा भोजन नहीं करने की बात कहते आ रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य है कि लोग यह बात मानते नहीं हैं। लोगों का मानना है कि एक-दूसरे का जूठा भोजन करने से आपस में प्रेम बढ़ता है, यह बात सरासर गलत है। हमारे शास्त्र कहते हैं कि किसी का जूठा भोजन करने से प्रेम तो नहीं बढ़ता लेकिन आप जिस व्यक्ति का जूठा भोजन करते हैं, उसका दुर्भाग्य भी आपके साथ लग जाता है। उसके सारे रोग भी आपके रोग बन जाते हैं।

यह पढ़ें: ग्रहों को मजबूत ही नहीं, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाते हैं क्रिस्टलयह पढ़ें: ग्रहों को मजबूत ही नहीं, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाते हैं क्रिस्टल

भोजन के बारे में क्या कहते हैं शास्त्र

भोजन के बारे में क्या कहते हैं शास्त्र

  • हिंदू धर्म में भोजन को देवता मानकर पूजा जाता है। इसलिए भोजन से पहले प्रार्थना करने का विधान है। भोजन में शुद्धता और सात्विकता होना आवश्यक है। शास्त्र कहते हैं भोजन में कोई भी दूषित पदार्थ, मांसाहार ना हो। यहां तक कि भोजन बनाने से लेकर परोसने और खाने तक के लिए नियम बनाए गए हैं। जिनका पालन करना जरूरी होता है।
  • भोजन बनाते समय से लेकर उसे परोसने तक भी जूठा हाथ नहीं लगना चाहिए।
  • एक-दूसरे का जूठा भोजन करना सर्वदा वर्जित है। यहां तक कि पति-पत्नी को भी एक-दूसरे का जूठा भोजन नहीं खाना चाहिए।
  • शास्त्रों का मत है कि जो व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति का जूठा भोजन करता है, वह उस व्यक्ति के सारे ग्रह दोष, उसकी पीड़ाओं और उसके दुर्भाग्य में सहभागी बन जाता है।
  • उदाहरण के लिए यदि आपने किसी चोर कर्म करने वाले व्यक्ति का जूठा भोजन किया तो चोरी जैसे पापकर्म में आप भी भागीदार हो जाएंगे और उसकी परिणाम आपको भी भुगतना पड़ता है।
जूठा भोजन करने से संक्रामक रोग फैलता है

जूठा भोजन करने से संक्रामक रोग फैलता है

  • वैज्ञानिक तथ्य है कि जूठा भोजन करने से संक्रामक रोग फैलने की आशंका रहती है, क्योंकि सभी लोगों के भोजन करने का तरीका अलग-अलग होता है। कोई व्यक्ति बिना हाथ-पैर धोए ही भोजन करने बैठ जाता है, जिससे रोग फैलते हैं।
  • वैदिक ज्योतिष के अनुसार किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली का दूसरा भाव धन के साथ वाणी का भी कारक घर होता है। किसी दूसरे का जूठा भोजन खाने से हमारी वाणी प्रभावित होती है। वाणी में कर्कशता आती है। जिसका जूठा भोजन खाते हैं उसके अशुद्ध विचार हमारे मस्तिष्क में समा जाते हैं।
  • किसी का जूठा भोजन खाने से ग्रहों की पीड़ा प्रारंभ हो जाती है। इससे हमारे सुखों में कमी आती है।
  • जूठा भोजन खाने से कुंडली का धन स्थान प्रभावित होता है, जिससे आर्थिक संकट शुरू हो जाता है।
  • जूठा भोजन करने से कुंडली का भाग्य स्थान यानी नवम स्थान प्रभावित होता है। जिससे आपका भाग्य दुर्भाग्य में बदल सकता है।

यह पढ़ें: Motivational Story: नींद कभी बेवजह नहीं उड़ती, इसके पीछे हैं ये चार कारणयह पढ़ें: Motivational Story: नींद कभी बेवजह नहीं उड़ती, इसके पीछे हैं ये चार कारण

Comments
English summary
Eating from the plate or eating together is a culture in India, its Good or bad, what says astrologers.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X