जानिए किस भगवान को कौन से पुष्प चढ़ाने चाहिए?
लखनऊ। देवी-देवताओं को फल-फूल चढ़ायें, कलियों को चढ़ाना शास्त्रों में निषिद्ध माना गया है। कमल की कली लक्ष्मी जी को चढ़ाई जा सकती है। सूंघा हुआ या अंग से लगाया गया फूल या जिस फूल की पंखुड़ियां टूट गई हो, बासी उग्र गंधवाले फूल देवी-देवताओं को नहीं चढ़ाना चाहिए। फूलों को जल में डूबोकर धोना भी नहीं चाहिए अपितु इसका शुद्धजल से प्रेक्षण कर देना चाहिए। माली के घर में रखे फूल को बासी नहीं माना जाता है। यदि आप स्वयं फूलों को तोड़ रहे हो तो विधि-विधान से तोड़ना चाहिए। स्नान करने के पश्चात ही इन्हें चढ़ाना चाहिए। भिन्न-भिन्न देवताओं को भिन्न-भिन्न फूल चढ़ाने चाहिए। शास्त्रों के अनुसार फूल विशेष को देवता पर चढ़ाने से वे प्रसन्न होते हैं तथा निषिद्ध फलों को चढ़ाने से नाराज होते हैं।
देवताओं को चढ़ायें जाने वाले पुष्प
- यदि आप कोई पूजा, जाप या अन्य उपाय न कर सकें तो कम से कम इष्ट देव को प्रिय पुष्प ही चढ़ा दें, इससे देवता प्रसन्न हो जाते हैं।
- शिव को प्रसन्न करने के फूल-आक, शंखपुष्पी, नागकेसर, कनेर, चमेली, मौलसिरा, पलाश, कटेरी, कास, खस, तगर आदि के फूल चढ़ाने से शिव जी खुश होंगे।
- निषिद्ध फूल-कदंब, सेमल, अनार, केतकी, मालती, जूही, कपास, कैश, बहेड़ा, शिरीष, केवडा आदि के फूल नहीं चाहिए।
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दुर्गा को प्रसन्न करने के फूल
- दुर्गाजी पर वह सभी फूल चढ़ायें जा सकते हैं, जो शिव को चढ़ायें जाते हैं जो शिव को चढ़ाये जाते हैं। इनके अतिरिक्त बेला, लेध, अशोक, केवड़ा, अमलतास के फूल भी दुर्गाजी को चढ़ाये जा सकते हैं।
- निषिद्ध फूल-दूर्वा, तुलसीदल, तमाल आदि पुष्प दुर्गाजी पर नहीं चढ़ाने चाहिए।
- भगवान विष्णु को कमल का फूल अतिप्रिय है। मालती, मौलश्री, अशोक, चंपा, जूही, कदंब, चमेली, बसंती, केवड़ा, परिजात, तुलसी, दल चढ़ाये जाते हैं। कार्तिक मास में केतकी पुष्प में विष्णु की पूजा करने से विष्णु जी अत्यन्त प्रसन्न होते है।
- आक, धतूरा, शिरीष, सहजन, सेमल, कचनार, गूलर, आदि के फूल विष्णु जी को नहीं चढ़ाने चाहिए। विष्णु जी पर अक्षत भी नहीं चढ़ाने चाहिए।
- गणेश जी को हरी दुर्वा सर्वाधिक प्रिय है। इन पर सभी पुष्प चढ़ाये जा सकते है। गणेश जी को लाल पुष्प चढ़ाने से वो अत्यन्त खुश होते है।
- निषिध फूल-गणेश जी को तुलसी दल नहीं चढ़ाना चाहिए। जो फूल अन्य देवी-देवताओं के लिए निषिध हैं, वे भी गणेश जी को नहीं चढ़ाने चाहिए।
- वर्जित-विष्णु जी की पूजा में धतूरा, मदार, व कनेर फूल नहीं प्रयोग करने चाहिए और शिव जी की पूजा में तुलसी मंजरी न चढ़ायें।
- प्रिय-मां सरस्वती को श्वेत पुष्प प्रिय है। मां बगुलामुखी देवी को पीले फूल अत्यन्त प्रिय है।
विष्णुजी को चढ़ाने वाले पुष्प
गणेश जी को चढ़ाने वाले पुष्प
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