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Hartalika Vrat 2019: इस तीज का नाम क्यों पड़ा 'हरितालिका'?

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नई दिल्ली। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को 'हरतालिका तीज' का त्योहार मनाया जाता है , कहते हैं मां पार्वती ने जंगल में जाकर भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कई सालों तक बिना पानी पिए लगातार तप किया था, जिसके बाद भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकारा था।

क्यों पड़ा 'हरतालिका तीज' नाम?

क्यों पड़ा 'हरतालिका तीज' नाम?

हरितालिका दो शब्दों से बना है, हरित और तालिका। हरित का अर्थ है हरण करना और तालिका अर्थात सखी। यह पर्व भाद्रपद की शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है, जिस कारण इसे तीज कहते है। इस व्रत को 'हरतालिका तीज' इसलिए कहा जाता है, क्योंकि मां पार्वती को उनकी सखी ने उनके पिता हिमालय के घर से हरण कर जंगल में ले गई थीं।

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तपस्या और निष्ठा का व्रत

तपस्या और निष्ठा का व्रत

तपस्या और निष्ठा के साथ स्त्रियां यह व्रत रखती है, ये वर्त बड़ा कठिन है, क्योंकि ये व्रत बिना पानी के रखा जाता है। इस व्रत का खास तौर पर उत्तर भारत में विशेष मान है। कहते हैं इस व्रत को करने से सात जन्मों तक महिलाओं को उनके पति सात जन्मों तक मिलते हैं।

शुभ मुहूर्त

1 सितंबर को हरतालिका तीज का व्रत रख रहे हैं उनके लिए पूजन का शुभ मुहूर्त शाम में 6 बजकर 15 मिनट से 8 बजकर 58 मिनट तक है।
2 सितंबर को व्रत रखने वालों को सूर्योदय से 2 घंटे के अंदर ही तीज का पूजन कर लेना होगा। इनके पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 58 मिनट तक है।

पूजन विधि

पूजन विधि

वैसे तो 'हरतिालिका'पूजन प्रदोष काल में किया जाता है, प्रदोष काल अर्थात दिन-रात्रि मिलने का समय, लेकिन इस बार तीज दो दिन मनाई जा रही है इसलिए जो लोग 2 तारीख को पूजा कर रहे हैं,वो सुबह चतुर्थी लगने से पहले पूजन करें, व्रत रखने वाली महिलाएं स्नान करके शुद्ध व उज्ज्वला वस्त्र धारण करें। तत्पश्चात पार्वती और शिव की मिट्टी से प्रतिमा बनाकर विधिवत पूजन करें। तत्पश्चात सुहाग की पिटारी में सुहाग की सारी सामग्री सजा कर रखें, फिर इन सभी वस्तुओं को पार्वती जी को अर्पित करें, शिव जी को धोती तथा अंगोछा अर्पित करें और तत्पश्चात सुहाग सामग्री किसी ब्राहम्णी को और धोती-अंगोछा ब्राहम्ण को दान करें।

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English summary
Hartalika Tritiya Vrat, also referred to as Hartalika Teej Vrat or Hartalika Vrat, is an important ritual followed in order to honor Goddess Gauri or Goddess Parvati.
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