Hartalika Teej 2018: हरितालिका तीज और चौठचंद्र व्रत बुधवार को, जानिए इसका महत्व
नई दिल्ली। अखंड सौभाग्य का 'हरितालिका तीज' व्रत 12 सितंबर को है, हिंदी कलेंडर के हिसाब से ये व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतिया को रखा जाता है। उत्तर भारत में ये व्रत कुंवारी लड़कियां भी करती हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि शिव जी को पति के रूप में पाने के लिए इस व्रत को पार्वती जी ने शादी से पहले किया था। काशी के पंडित दिवाकर शास्त्री के मुताबिक इस बार तीज का पर्व काफी सुखद संयोग लेकर आया है।
तीज का व्रत बेहद कठिन माना जाता है।
तीज का व्रत बेहद कठिन माना जाता है। सुहागिन महिलाएं इसे बिना पानी के करती हैं, कुछ महिलाएं तो पूजा करने के बाद पानी पी लेती हैं तो कुछ 24 घंटे के बाद पानी का सेवन करती हैं।
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चंद्रमा की पूजा
बुधवार को तीज की पूजा सुबह से लेकर शाम 6:45 बजे तक की जा सकती है, इसके बाद चौठ लग जाएगा, जिसके बाद चंद्रमा की पूजा होगी।
चौठ चंद्र का व्रत भी कठिन
चौठ चंद्र का व्रत भी कठिन माना जाता है, ये भी पति और संतान की लंबी उम्र की कामना के लिए रखा जाता है। इसमें भी पूरे दिन उपवास किया जाता है और शाम को चंद्रमा को अर्ध्य देकर व्रत खोला जाता है। ये पर्व मुख्यत: यूपी-बिहार में होता है। इसके लिए घर के आंगन या छतों पर विशेष अल्पना बना कर पूजा-अर्चना की जाती है। यह पर्व मिथ्या कलंक से बचने के लिए मनाया जाता है। इस दिन हाथ में फल लेकर चंद का दर्शन किया जाता है।
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