Hanuman Ji Ki Aarti: सारे संकट हर लेते हैं बजरंग बली, यहां पढ़ें-'हनुमान लला' की आरती
नई दिल्ली, 8 जून। पवन पुत्र और भगवान राम के अनन्य सेवक श्री हनुमानजी अपने भक्तों पर आने वाले सभी संकटों को हर लेते हैं और इसी वजह से वो संकट मोचक कहलाते हैं। प्रत्येक भक्त को हनुमान जी की पूजा करने के बाद अंत में रोज में उनकी आरती करनी चाहिए।
आरती हनुमान जी की
आरती
कीजै
हनुमान
लला
की।
दुष्ट
दलन
रघुनाथ
कला
की
जाके
बल
से
गिरिवर
कांपे।
रोग
दोष
जाके
निकट
न
झांके
अनजानी
पुत्र
महाबलदायी।
संतान
के
प्रभु
सदा
सहाई
दे
बीरा
रघुनाथ
पठाए।
लंका
जारी
सिया
सुध
लाए
लंका
सो
कोट
समुद्र
सी
खाई।
जात
पवनसुत
बार
न
लाई
लंका
जारी
असुर
संहारे।
सियारामजी
के
काज
संवारे
लक्ष्मण
मूर्छित
पड़े
सकारे।
आणि
संजीवन
प्राण
उबारे
पैठी
पताल
तोरि
जम
कारे।
अहिरावण
की
भुजा
उखाड़े
बाएं
भुजा
असुरदल
मारे।
दाहिने
भुजा
संतजन
तारे
सुर-नर-मुनि
जन
आरती
उतारे।
जै
जै
जै
हनुमान
उचारे
कंचन
थार
कपूर
लौ
छाई।
आरती
करत
अंजना
माई
लंकविध्वंस
कीन्ह
रघुराई।
तुलसीदास
प्रभु
कीरति
गाई
जो
हनुमान
जी
की
आरती
गावै।
बसी
बैकुंठ
परमपद
पावै
आरती
कीजै
हनुमान
लला
की।
दुष्ट
दलन
रघुनाथ
कला
की।
यहां पढे़ं श्री हनुमान चालीसा, जानें क्या हैं उसके लाभ
हनुमान जी की आरती का महत्व
हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों के सारे कष्टों का अंत हो जाता है। उसे सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। हनुमान जी अपने हर भक्त से बहुत ज्यादा प्यार करते हैं और इस कारण वो अपने किसी भी भक्त को कष्ट में नहीं देख सकते हैं। इसलिए प्रत्येक भक्त को हनुमान लला की मन से पूजा कनी चाहिए। हनुमान जी की आरती करने से इंसान भयमुक्त हो जाता है। शास्त्रों के अनुसार अगर आप किसी रोग का निदान चाहते हैं, तो आपको हनुमान जी आरती रोज करनी चाहिए। इसके पाठ से नकरात्मक शक्तियां दूर होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। यही नहीं जो इंसान हनुमान जी की आरती नियमित रूप से करता है, उसके परम धाम जाने का मार्ग सरल हो जाता है।