Guru Purnima 2018: इन मंत्रों से करें गुरु-पूजा, मिलेगा ज्ञान होगा लाभ
नई दिल्ली। आषाढ़ मास की पूर्णिमा को 'गुरु पूर्णिमा' कहते हैं। इस दिन अपने-अपने गुरुओं की पूजा करने और उन्हें गुरू दक्षिणा देने का विधान है, क्योंकि बिना गुरु के तो भगवान भी अधूरे हैं। अगर आपके गुरुजन आपके पास नहीं हैं तो इस दिन उनके लिए ऊपरवाले से प्रार्थना जरुर करें। वैसे तो देवगुरु तो 'बृहस्पति' को कहा जाता है तो आदिगुरु 'भगवान शिव' कहलाते हैं। 'गुरु पूर्णिमा' के दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म भी हुआ था, जिन्होंने महाभारत की रचना की थी और इसी कारण इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं।
धन और सम्मान की प्राप्ति
इस दिन गुरुओं की पूजा खास मंत्र से करनी चाहिए, क्योंकि इससे ज्ञान और धन-सम्मान की प्राप्ति होती है...
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मंत्र का जाप
'व्यासाय
विष्णु
रूपाय,
विष्णु
रूपाय
व्यासवे'
इस
मंत्र
का
निरंतर
स्मरण
करने
से
ही
मनुष्य
को
ज्ञानार्जन
और
ज्ञानवृद्धि
उत्पन्न
होती
है।
'बृहस्पति' प्रसन्न करने के लिए मंत्र
- ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।
- ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:।
- ॐ गुं गुरवे नम:।
- ॐ बृं बृहस्पतये नम:।
- ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:।
- श्री शिवाय नम:
- श्री शंकराय नम:
- श्री महेशवराय नम:
- श्री सांबसदाशिवाय नम:
- श्री रुद्राय नम:
- ॐ पार्वतीपतये नमः
- ॐ नमो नीलकण्ठाय
शिव को प्रसन्न करने का जाप
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