Guru Gobind Singh Jayanti 2020: गुरु गोविंद सिंह के ये अनमोल विचार बदल सकते हैं आपका जीवन
Guru Gobind Singh Jayanti 2020: सिख धर्म के 10वें और अंतिम गुरु गोविंद सिंह की आज जयंती है। शौर्य और साहस के प्रतीक गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को बिहार के पटना में हुआ। इस बार यह तिथि 2 जनवरी को है। गुरु गोविंद सिंह एक आध्यात्मिक गुरु होने के साथ-साथ एक निर्भयी योद्धा, कवि और दार्शनिक भी थे।
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गुरु गोविंद सिंह ने सिखों की पवित्र ग्रन्थ गुरु ग्रंथ साहिब को पूरा किया था...
गुरु गोविंद सिंह ने सिखों की पवित्र ग्रन्थ गुरु ग्रंथ साहिब को पूरा किया था, उन्होंने मुगलों के साथ 14 युद्ध लड़े। सर्वविदित है कि उनके दो बड़े पुत्र चमकौर की लड़ाई में शहीद हुए तो दो छोटे पुत्र सरहिंद की दीवारों में जिंदा ही चिनवा दिए गए थे, जिसके लिए उन्हें 'सरबंसदानी' (सर्ववंशदानी) भी कहा जाता है, उन्होंने सदा प्रेम, एकता, भाईचारे का संदेश दिया। किसी ने गुरुजी का अहित करने की कोशिश भी की तो उन्होंने अपनी सहनशीलता, मधुरता, सौम्यता से उसे परास्त कर दिया।
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गुरु गोविंद सिंह ने दिए जीवन के सिद्धांत
गुरु गोविंद सिंह द्वारा जीवन जीने के 5 सिद्धांत दिए गए हैं, इन सिद्धांतों को ककार के नाम से जाना जाता है, इन ककार को सभी खालसा सिखों को धारण करना अनिवार्य माना गया है, इनमें केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा शामिल है, इनके बिना किसी भी खालसा का वेश पूरा नहीं माना जाता।
उनके विचार आज भी किसी के जीवन को बदल सकते हैं...
- अगर आप केवल भविष्य के बारे में सोचते रहेंगे तो वर्तमान भी खो देंगे।
- जब आप अपने अन्दर से अहंकार मिटा देंगे तभी आपको वास्तविक शांति प्राप्त होगी।
- मैं उन लोगों को पसंद करता हूं जो सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं।
- ईश्वर ने हमें जन्म दिया है ताकि हम संसार में अच्छे काम करें और बुराई को दूर करें।
- इंसान से प्रेम ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है।
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'भगवान के नाम के अलावा कोई मित्र नहीं है'
- अच्छे कर्मों से ही आप ईश्वर को पा सकते हैं, अच्छे कर्म करने वालों की ही ईश्वर मदद करता है।
- जब बाकी सभी तरीके विफल हो जाएं, तो हाथ में तलवार उठाना सही है।
- भगवान के नाम के अलावा कोई मित्र नहीं है, भगवान के विनम्र सेवक इसी का चिंतन करते और इसी को देखते हैं।
- अज्ञानी व्यक्ति पूरी तरह से अंधा है, वह मूल्यवान चीजों की कद्र नहीं करता है।
- ईश्वर स्वयं क्षमाकर्ता है।