Gupt Navratri 2021: माघ गुप्त नवरात्रि 12 फरवरी से, जानिए महत्व
Gupt Navratri will begin from 12th Feb 2021: देवी दुर्गा की पूजा, भक्ति और सिद्ध शक्तियों की प्राप्ति के लिए नवरात्रि सबसे उत्तम दिन होते हैं। वर्ष में चार बार नवरात्रि आती हैं। चैत्र और आश्विन माह के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी तक दो प्रकट नवरात्रि होती हैं और माघ व आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक दो गुप्त नवरात्रि होती हैं। गुप्त नवरात्रि भी प्रकट नवरात्रि की तरह ही सिद्धिदायक होती हैं, बल्कि ये प्रकट से भी ज्यादा प्रबल होती हैं। गुप्त नवरात्रियां सिद्ध शक्तियां प्राप्त करने के लिए तांत्रिकों, शाक्तों के लिए सबसे सिद्ध दिन होते हैं। इस वर्ष माघ माह की गुप्त नवरात्रि 12 फरवरी 2021 शुक्रवार से प्रारंभ हो रही है। इस बार षष्ठी तिथि की वृद्धि होने से नवरात्रि 10 दिन की रहेगी। गुप्त नवरात्रि का समापन 21 फरवरी रविवार को होगा।
कई ग्रहों की स्थितियां बदलेंगी
इस बार गुप्त नवरात्रि में अनेक ग्रहों की स्थितियां बदलेंगी। नवरात्रि के पहले दिन 12 फरवरी को सूर्य कुंभ राशि में गोचर करेंगे और इसी दिन गुरु पूर्व दिशा में उदय होंगे। दूसरे दिन 13 फरवरी को पूर्व में शुक्र अस्त हो जाएगा। इसके बाद 15 फरवरी को बुध पश्चिम में उदय होगा। इसके बाद 20 फरवरी को शुक्र कुंभ राशि में प्रवेश करेगा वहीं 21 फरवरी नवरात्रि के अंतिम दिन मंगल वृषभ में गोचर करेगा और बुध मार्गी हो जाएगा।
ये हैं नवरात्रि की तिथियां और विशिष्ट संयोग
- 12 फरवरी- प्रतिपदा- गुप्त नवरात्रि प्रारंभ, घट स्थापना, मां शैलपुत्री पूजन
- 13 फरवरी- द्वितीया- चंद्रदर्शन, मां ब्रह्मचारिणी पूजन
- 14 फरवरी- गौरी तृतीया- मां चंद्रघंटा पूजा, सर्वार्थसिद्धि सायं 4.23 से दूसरे दिन सूर्योदय तक, रवियोग सायं 4.23 से
- 15 फरवरी- मां कुष्मांडा पूजन, वरदतिलकुंद चतुर्थी, विनायक चतुर्थी, रवियोग सूर्योदय से सायं 6.28 तक
- 16 फरवरी- मां स्कंदमाता पूजन वसंत पंचमी, सरस्वती पूजन, खटवांग जयंती, पंचक प्रारंभ रात्रि 8.55 से
मां सिद्धिदात्री पूजन, गुप्त नवरात्रि पूर्ण
- 17 फरवरी- ----- महापात दोष ----- षष्ठी तिथि वृद्धि
- 18 फरवरी- षष्ठी, मां कात्यायनी पूजन, वसंत ऋतु प्रारंभ
- 19 फरवरी- मां कालरात्रि पूजन, रथ आरोग्य सप्तमी, नर्मदा जयंती
- 20 फरवरी- मां महागौरी पूजन, दुर्गा अष्टमी
- 21 फरवरी- नवमी, मां सिद्धिदात्री पूजन, गुप्त नवरात्रि पूर्ण
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